हर दंपति पैदा करे कम से कम तीन बच्चे : भागवत

Last Updated 02 Dec 2024 07:42:04 AM IST

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने जनसंख्या वृद्धि में गिरावट पर चिंता जताते हुए रविवार को कहा कि भारत की कुल प्रजनन दर (टीएफआर) मौजूदा 2.1% के बजाए कम से कम तीन होनी चाहिए।


राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत

टीएफआर का तात्पर्य एक महिला द्वारा जन्म दिए जाने वाले बच्चों की औसत संख्या से है।

नागपुर में ‘कठाले कुलसम्मेलन’ में उन्होंने परिवारों की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी प्रकाश डाला और आगाह किया कि जनसंख्या विज्ञान के अनुसार, यदि किसी समाज की कुल प्रजनन दर 2.1% से नीचे जाती है, तो यह विलुप्त होने के कगार पर पहुंच सकता है।

उन्होंने कहा, ‘जनसंख्या में कमी गंभीर चिंता का विषय है। जनसांख्यिकी अध्ययनों से पता चलता है कि जब किसी समाज की कुल प्रजनन दर 2.1% से नीचे जाती है, तो उसके विलुप्त होने का खतरा होता है।

भागवत ने जनसंख्या वृद्धि के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि मनुष्य के जन्म दर को 1 नहीं रखा जा सकता और इसलिए कम से कम 2 या 3 बच्चों का जन्म होना चाहिए। जनसंख्या वृद्धि दर को सही बनाए रखना देश के भविष्य के लिए जरूरी है।

मोहन भागवत का यह बयान इस बात पर प्रकाश डालता है कि अगर जनसंख्या वृद्धि की दर बहुत कम हो जाती है तो यह देश के विकास, श्रमबल और सामाजिक ढांचे पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

नागपुर में 'कथाले कुल सम्मेलन' में बोलते हुए भागवत ने सामाजिक संरचना की आधारशिला के रूप में जनसंख्या के महत्व को रेखांकित करते हुए यह बात कही है।

इस दौरान उन्होंने कहा कि कुटुम्ब समाज का हिस्सा है और प्रत्येक परिवार एक इकाई है। परिवार समाज की बुनियाद के रूप में कार्य करता है और हर परिवार अपनी-अपनी विशेषताओं और भूमिका के साथ समाज में योगदान करता है।

एजेंसियां
नागपुर


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