मुंबई हमले में शामिल पाकिस्तानी कारोबारी तहव्वुर राणा को झटका, भारत प्रत्यर्पित करने का रास्ता खुला

Last Updated 17 Aug 2024 06:05:56 PM IST

26/11 मुंबई हमले में शामिल तहव्वुर हुसैन राणा को बड़ा झटका लगा है। पाकिस्तानी मूल के कनाडाई व्यवसायी तहव्वुर हुसैन राणा को कैलिफोर्निया की एक अदालत ने झटका देते हुए फैसला सुनाया है कि दोनों देशों के बीच प्रत्यर्पण संधि है और इसके तहत तहव्वुर हुसैन राणा को भारत प्रत्यर्पित किया जा सकता है।


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मामले की सुनवाई करने वाली अपीलीय अदालत ने अपने फैसले में कहा है, "भारत और अमेरिका के बीच प्रत्यर्पण संधि के तहत राणा को प्रत्यर्पित किए जाने की अनुमति है।" तहव्वुर हुसैन राणा (63) ने कैलिफोर्निया के सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी और अमेरिका के अपीलीय अदालत में याचिका की थी।

अदालत ने तहव्वुर हुसैन राणा की याचिका खारिज कर दी। डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने फैसला सुनाया कि आतंकवादी हमलों में उसकी कथित भागीदारी को लेकर उसे भारत प्रत्यर्पित किया जा सकता है। पैनल ने माना कि तहव्वुर हुसैन राणा का कथित अपराध संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत के बीच प्रत्यर्पण संधि की शर्तों के अंतर्गत आता है।

इस फैसले के बाद तहव्वुर राणा के जल्द भारत प्रत्यर्पित किए जाने की उम्मीदें बढ़ गई हैं। तहव्वुर राणा साल 2008 के मुंबई में हुए भीषण आतंकी हमले में वांछित है। तहव्वुर हुसैन राणा पाकिस्तानी मूल का कनाडाई व्यवसायी है। उस पर भारत की आर्थिक राजधानी मुबई में हुए आतंकी हमले में शामिल आतंकवादी संगठन को मदद देने के भी गंभीर आरोप हैं।

अदालत ने राणा को एक विदेशी आतंकवादी संगठन को सहायता प्रदान करने के अलावा डेनमार्क में आतंकवादी हमलों को अंजाम देने की नाकाम साजिश रचने का भी दोषी ठहराया। हालांकि, राणा के पास इस फैसले के खिलाफ अपील करने का विकल्प है। भारत में अपने प्रत्यर्पण को रोकने के लिए राणा के पास सभी कानूनी विकल्प खत्म नहीं हुए हैं।

बता दें कि साल 2008 में पाकिस्तान से नाव के जरिए लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकी मुंबई में दाखिल हुए थे। उन आतंकियों ने करीब 60 घंटे तक मुंबई को बंधक बनाए रखा था। इस दौरान आतंकियों ने 160 से ज्यादा लोगों की हत्या कर दी थी। इस घटना में 26 विदेशी नागरिक भी मारे गए थे। इस हमले से पूरा देश स्तब्ध रह गया।

सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई करते हुए नौ आतंकियों को मार गिराया। जबकि, एक आतंकी अजमल कसाब को जिंदा पकड़ा गया। जिसे बाद में फांसी की सजा सुनाई गई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तानी सेना में पूर्व चिकित्सा अधिकारी तहव्वुर हुसैन राणा 1990 में कनाडा चला गया था। शिकागो जाने से पहले वह कनाडा का नागरिक बन गया।
 

 

आईएएनएस
नई दिल्ली


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