New Criminal Laws: नए आपराधिक कानून आज से लागू, गृह मंत्री शाह बोले- अब दंड की जगह न्याय मिलेगा

Last Updated 01 Jul 2024 03:24:32 PM IST

New Criminal Laws: भारत में आज यानी सोमवार (एक जुलाई, 2024) से नए क्रिमिनल लॉ लागू हो गए हैं। इन्हें IPC (1860), CrPC (1973) और एविडेंस एक्ट (1872) की जगह लाया गया है।


गृह मंत्री शाह (फाइल फोटो)

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि नये आपराधिक कानूनों के लागू होने के बाद उच्चतम न्यायालय के स्तर तक सभी मामलों में न्याय प्राथमिकी दर्ज होने के तीन साल के भीतर मिलेगा।

शाह ने नए आपराधिक कानूनों के लागू होने के बाद एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उम्मीद जताई कि भविष्य में अपराधों में कमी आएगी और नए कानूनों के तहत 90 प्रतिशत मामलों में दोषसिद्धि होगी।

भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) 2023 सोमवार से पूरे देश में प्रभावी हो गए। इन तीनों कानून ने ब्रिटिश कालीन कानूनों क्रमश: भारतीय दंड संहिता (IPC), दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह ली है।

उन्होंने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय के स्तर तक न्याय प्राथमिकी दर्ज होने के तीन साल के भीतर मिल सकता है।’’

शाह कहा, ‘‘तीनों आपराधिक न्याय कानूनों के कार्यान्वयन से सबसे आधुनिक आपराधिक न्याय प्रणाली की स्थापना होगी।’’

उन्होंने कहा कि इन कानूनों के लागू होने से दंड की जगह न्याय मिलेगा और देरी की जगह त्वरित सुनवाई एवं त्वरित न्याय होगा। उन्होंने कहा कि पुरानी व्यवस्था में केवल पुलिस के अधिकार सुरक्षित थे, लेकिन अब पीड़ितों और शिकायतकर्ताओं के अधिकार सुरक्षित होंगे।

उन्होंने कहा कि इन तीनों आपराधिक न्याय कानूनों पर चार वर्ष से अधिक समय तक विचार-विमर्श किया गया। उन्होंने उम्मीद जताई कि नए आपराधिक न्याय कानूनों के तहत दोषसिद्धि दर 90 प्रतिशत तक होगी और अपराधों में कमी आएगी।


गृह मंत्री ने कहा कि तीनों आपराधिक कानूनों के लागू होने से भारत में दुनिया में सबसे आधुनिक आपराधिक न्याय प्रणाली स्थापित होगी।

उन्होंने कहा, ‘‘नए कानून, आधुनिक न्याय प्रणाली को स्थापित करते हैं जिनमें ‘जीरो एफआईआर’, पुलिस शिकायतों का ऑनलाइन पंजीकरण, एसएमएस जैसे इलेक्ट्रॉनिक तरीकों से समन और सभी जघन्य अपराधों के लिए अपराध स्थलों की अनिवार्य वीडियोग्राफी जैसे प्रावधान शामिल हैं।’’

शाह ने बताया कि नए कानून के तहत पहला मामला ग्वालियर में रविवार रात 12 बजकर 10 मिनट पर मोटरसाइकिल चोरी का दर्ज किया गया।

उन्होंने कहा कि नए कानून न्याय प्रदान करने को प्राथमिकता देंगे, जबकि औपनिवेशिक काल के कानूनों में दंडात्मक कार्रवाई को प्राथमिकता दी जाती थी।

भाषा
नई दिल्ली


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