ओडिशा प्रशासनिक सेवा अधिकारी बिजय केतन साहू की अग्रिम जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई सोमवार को
ओडिशा प्रशासनिक सेवा के अधिकारी बिजय केतन साहू (Bijay Chetan Sahu) की अग्रिम जमानत याचिका पर उच्चतम न्यायालय (में सोमवार को सुनवाई होगी।
ओडिशा प्रशासनिक सेवा अधिकारी की अग्रिम जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई सोमवार को |
साहू ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति रखने के लिए दर्ज धन शोधन मामले में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की है।
सर्वोच्च न्यायालय की वेबसाइट पर प्रकाशित वाद सूची के अनुसार, न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और न्यायमूर्ति राजेश बिंदल की अवकाश पीठ 24 जून को मामले की सुनवाई करेगी।
इससे पहले, उड़ीसा उच्च न्यायालय ने 10 मई के अपने आदेश में साहू को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया था। उसने कहा था कि प्रथम दृष्टया अधिकारी के खिलाफ मामला बनता है, क्योंकि वह “अपराध से प्राप्त आय” से निपटने के लिए संपत्ति के अधिग्रहण में शामिल था।
हालांकि, उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति चित्तरंजन दास की पीठ ने निर्देश दिया था कि यदि साहू विशेष न्यायालय के समक्ष उपस्थित होते हैं और नियमित जमानत देने के लिए आवेदन करते हैं, तो उस पर उसके गुण-दोष के आधार पर विचार किया जाएगा।
ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत ओडिशा की वित्तीय अधिकारी नलिनी प्रुस्ती, उनके पति साहू और परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ कटक के विजिलेंस थाने में पांच करोड़ रुपये की आय से अधिक संपत्ति रखने के आरोप में एफआईआर दर्ज होने के बाद जांच शुरू की है।
जांच में पता चला कि दंपत्ति ने छह प्लॉट तथा फ्लैट खरीदे थे और भुवनेश्वर के चंद्रशेखरपुर में अपने रिश्तेदार के नाम पर तिमंजिला इमारत का निर्माण किया था, जिसके पास आय का अपना कोई स्रोत नहीं था।
ईडी की शिकायत के आधार पर भुवनेश्वर की पीएमएलए अदालत ने साहू को पेश होने के लिए समन जारी किया था।
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