Summit on peace in Ukraine: यूक्रेन संकट पर दबाव में नहीं आया भारत
Summit on peace in Ukraine: भारत ने यूक्रेन संकट पर स्विट्जरलैंड द्वारा आयोजित शांति शिखर सम्मेलन से जारी होने वाले किसी भी विज्ञप्ति से खुद को जोड़ने से परहेज किया और कहा कि वह यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के लिए सभी हितधारकों के साथ बातचीत जारी रखेगा।
![]() विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) पवन कपूर |
विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) पवन कपूर (Pawan Kapur) ने यूक्रेन संकट पर ‘शांति शिखर सम्मेलन’ में भारत का प्रतिनिधित्व किया।
यह सम्मेलन 15 और 16 जून को स्विट्जरलैंड के ल्यूसर्न के पास एक रिसॉर्ट में आयोजित किया गया। शिखर सम्मेलन का समापन दर्जनों देशों द्वारा यूक्रेन की ‘क्षेत्रीय अखंडता’ के लिए अपना समर्थन देने और संघर्ष का स्थायी समाधान खोजने के लिए सभी पक्षों के बीच बातचीत का आह्वान करने के साथ हुआ।
विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने शिखर सम्मेलन के उद्घाटन और समापन सत्र में भाग लिया। भारत ने इस शिखर सम्मेलन से जारी होने वाले किसी भी विज्ञप्ति या दस्तावेज से खुद को संबद्ध नहीं किया है।’
मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘सम्मेलन में भारत की भागीदारी, साथ ही यूक्रेन के शांति फामरूले पर आधारित पूर्ववर्ती एनएसए या राजनीतिक निदेशक स्तर की बैठकों में भागीदारी, संवाद और कूटनीति के माध्यम से संघर्ष के स्थायी और शांतिपूर्ण समाधान को सुगम बनाने के हमारे सतत दृष्टिकोण के अनुरूप है।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत का मानना है कि इस तरह के समाधान के लिए संघर्ष में शामिल दोनों पक्षों के बीच ईमानदारी और व्यावहारिक भागीदारी की आवश्यकता है।
मंत्रालय ने कहा, ‘इस संबंध में, भारत सभी हितधारकों के साथ-साथ दोनों पक्षों के साथ बातचीत जारी रखेगा, ताकि शीघ्र और स्थायी शांति लाने के लिए सभी गंभीर प्रयासों में योगदान दिया जा सके।’
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