राष्ट्रपति मुइज्जू के बदले सुर, कहा- PM मोदी के शपथ ग्रहण में शामिल होना गर्व की बात, भारत संग सुधरेंगे मालदीव के संबंध
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने का न्योता स्वीकार करते हुए कुछ ऐसी बात कही, जो उनके भारत विरोधी रुख में बड़े बदलाव की ओर इशारा करती है।
|
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह को "ऐतिहासिक घटना" बताते हुए शनिवार को कहा कि इसमें शामिल होना उनके लिए "सम्मान की बात" होगी।
मालदीव में भारतीय उच्चायुक्त मुनु महावर ने आज राष्ट्रपति कार्यालय में एक सद्भावना मुलाकात के दौरान मुइज्जू को निमंत्रण पत्र सौंपा।
मालदीव के राष्ट्रपति ने निमंत्रण स्वीकार करते हुए प्रधानमंत्री मोदी के प्रति आभार जताया। उन्होंने कहा कि तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण के इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में शामिल होना उनके लिए सम्मान की बात होगी।
मुइज्जू के कार्यालय ने आज कहा, "उन्होंने यह भी कहा कि वह प्रधानमंत्री मोदी से साथ मिलकर भारत से नजदीकी संबंध और मजबूत करने की दिशा में काम करने के लिए उत्साहित हैं।"
President Dr Muizzu accepts the invitation to Prime Minister Modi's swearing-in ceremony https://t.co/PjHq6IQjb6 pic.twitter.com/4yG3LfWYeY
— The President's Office (@presidencymv) June 8, 2024
चीन समर्थक माने जाने वाले मुइज्जू के पिछले साल सत्ता में आने के बाद से भारत और मालदीव के संबंधों में दरार आ गई है। उन्होंने कहा था कि वह देश में भारत के प्रभाव को कम करने पर काम करेंगे। उनके इस दौरे से संबंधों में सुधार की उम्मीद है।
भारत हमेशा से मालदीव के साथ रिश्तों को महत्व देता रहा है। उसने मुइज्जू सरकार को याद दिलाया है कि मालदीव के विकास में सहायता देने वाले देशों में वह प्रमुख रहा है।
रिश्तों में दरार के बावजूद भारत मालदीव को चीनी, गेहूं, चावल, प्याज और अंडों जैसी जरूरी वस्तुओं का निर्यात लगातार कर रहा है। इनके अलावा भारत ने निर्माण सामग्री के रूप में इस्तेमाल होने वाले 10-10 लाख टन स्टोन एग्रीगेट और बालू का निर्यात भी किया है।
मुइज्जू सरकार ने भारत से ऋण भुगतान में छूट की मांग भी की थी जो मालदीव की भारत पर निर्भरता दिखाता है।
इस साल अप्रैल में ईद के मौके पर मालदीव के राष्ट्रपति को बधाई देते हुए पीएम मोदी ने दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और संस्थागत संबंधों को रेखांकित किया था।
| Tweet |