मोदी सरकार में राम मंदिर बनते देखना और प्राण प्रतिष्ठा समारोह होना सौभाग्य की बात : भाजपा सांसद

Last Updated 10 Feb 2024 01:10:30 PM IST

भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद सत्यपाल सिंह (Satyapal Singh) ने शनिवार को कहा कि इस कालखंड में तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) जैसे ‘युगपुरुष’ के सरकार में आने के बाद राम मंदिर (Ram Mandir) बनते देखना और उसमें प्राण प्रतिष्ठा (Pran Pratishtha) होना ऐतिहासिक और सौभाग्य की बात है।


भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद सत्यपाल सिंह

भाजपा सांसद सिंह ने लोकसभा में नियम 193 के तहत ‘ऐतिहासिक श्रीराम मंदिर के निर्माण और श्रीराम लला की प्राण प्रतिष्ठा’ विषय पर चर्चा की शुरुआत करते हुए यह भी कहा कि राम विभिन्न धर्मों और भौगोलिक सीमाओं से परे सबके हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘मेरा अहोभाग्य है कि मुझे राम मंदिर के बारे में सदन में प्रस्ताव रखने का अवसर मिला। इस कालखंड में मंदिर बनते देखना और प्राण प्रतिष्ठा होना अपने में ऐतिहासिक है।

भगवान राम सांप्रदायिक विषय नहीं हैं। श्रीराम केवल हिंदुओं के लिए नहीं, वो हम सबके पूर्वज और प्रेरणा हैं। राम के समय में हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई अलग-अलग मत, पंथ नहीं थे।’’
सिंह ने कहा कि जिस तरह रामकथा में सभी श्रोताओं को पुण्य मिलता है, ऐसा ही पुण्य आज सभी सदस्यों को मिलने वाला है।

उन्होंने लगभग 500 साल पहले बाबर के सेनापति द्वारा राम मंदिर तोड़े जाने से लेकर गत 22 जनवरी, 2024 को अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह तक हुए विभिन्न आंदोलनों और ऐतिहासिक घटनाक्रम का उल्लेख करते हुए कहा कि सौभाग्य की बात है कि जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी थे, तब 41 दिन तक उच्चतम न्यायालय में दिन प्रतिदिन के आधार पर सुनवाई के बाद नवंबर 2019 में मंदिर निर्माण का फैसला आया।

सिंह ने कहा कि हर युग में कुछ युगपुरुष होते हैं जिन्हें आने वाला समय याद रखता है। उन्होंने मशहूर शायर अल्लामा इकबाल का एक शेर भी पढ़ा, ‘‘हजारों साल नरगिस अपनी बेनूरी पे रोती है। बड़ी मुश्किल से होता है चमन में दीदावर पैदा।’’

उन्होंने कहा कि ऐसे ही युगपुरुष, ऐसे ही दीदावर प्रधानमंत्री मोदी हैं जिन्हें राम मंदिर निर्माण का श्रेय जाता है।

सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी आए, उन्होंने राम मंदिर बनाया और देश में राम राज्य लाने का भी काम किया।

उन्होंने कहा, ‘‘राम हमारे लिए भावना हैं, भाग्य, इच्छा हैं, राम चेतना हैं, राम विरासत हैं, सभ्यता हैं, संस्कृति हैं, शास्त्र हैं और मोक्ष हैं। राम सर्वत्र हैं। राम का व्यक्तित्व इतना विशाल और इतना विराट है कि भौगोलिक सीमाओं से परे दुनिया के अनेक देशों में राम को पूजा जाता है।’’

सिंह ने कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए दावा किया कि 2007 में रामेश्वरम और श्रीलंका के बीच रामसेतु परियोजना पर तत्कालीन संप्रग सरकार ने उच्चतम न्यायालय में शपथपत्र दिया था कि राम नाम के कोई व्यक्ति नहीं हैं, वह काल्पनिक हैं।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने राम को उस समय नकारा, इसलिए आज उनकी यह स्थिति है।

सिंह ने कहा कि भगवान राम के अस्तित्व को नकारना अपनी संस्कृति, सभ्यता, विरासत को नकारना था।

भाजपा सांसद ने कहा कि न्यायमूर्ति दिवंगत देवकी नंदन अग्रवाल ने जहां इस मामले में ‘राम लला विराजमान’ को वादी बनाया था तो 90 साल से अधिक उम्र में वरिष्ठ अधिवक्ता के. परासरन ने न्यायालय में नंगे पैर खड़े होकर मामले में पैरवी की।

सदन में चर्चा शुरू होने से पहले द्रमुक के सदस्य तमिलनाडु में बाढ़ और केंद्र सरकार से मदद की जरूरत का विषय उठा रहे थे, हालांकि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने यह कहते हुए विषय उठाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया कि ‘‘आज कोई शून्यकाल, कार्य स्थगन नहीं है।’’

द्रमुक के सदस्य कुछ देर तक नारेबाजी करते रहे।

भाषा
नई दिल्ली


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