G-20 की सफलता और जनवरी में "प्राण प्रतिष्ठा" से बीजेपी की जीत होगी पक्की?
जी 20 की सफलता की गाथा बहुत दिनों तक गाई जाएगी। गाना भी चाहिए, क्योंकि यह कार्यक्रम न सिर्फ विश्वा के अन्य देशों से हुई बातचीत को लेकर सफल साबित हुआ है बल्कि सांस्कृतिक,धार्मिक और आध्यात्मिक रूप से भी पूरी दुनिया के लिए एक मिशाल बन गया। 2024 में लोकसभा का आम चुनाव होना है।
G-20 and "Pran Pratishtha" |
देश की कोई भी पार्टी अपने कार्यों को जनता के सामने एक अनूठे अंदाज में पेश करने की कोशिश करती है, ताकि उसका राजनैतिक फायदा भी मिल सके। लिहाजा बीजेपी भी अभी से इसकी मार्केटिंग में लग गई है। उधर 2024 में ही राम मंदिर में लगाईं गईं, मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा भी होनी है, जिसे एक भव्य आयोजन बनाने की योजना बना ली गई है। अब ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि I.N.D.I.A गठबंधन 2024 में किन मुद्दों को लेकर सत्ता पक्ष से मुकाबला करने की योजना बनाएगा, क्योंकि यह तय है कि बीजेपी नेतृत्व वाली एनडीए की जीत में जी 20 की सफलता और राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
आगामी लोकसभा का चुनाव अगर अपने तय समय के अनुसार होता है तो 2024 के मार्च तक उसकी अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। यानि लगभग छह महीने के बाद चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। देश की सभी पार्टियां हालांकि चुनावी मोड में ही हैं। इस समय देश के लगभग हर छोटे-बड़े दल देश के दो बड़े गठबंधन एनडीए और I.N.D.I.A में शामिल हो चुके हैं ! लेकिन सबसे बड़ा सवाल है कि दोनों गठबंधन किन-किन मुद्दों को लेकर देश की जनता के सामने जायेंगे।
I.N.D.I.A गठबंधन हालांकि सत्ताधारी पार्टी बीजेपी को महंगाई ,बेरोजगारी और असमानता जैसे मुद्दों को लेकर बहुत पहले से ही घेरने की कोशिश कर रहा है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी नफरत के बाजार में मोहब्बत की दूकान वाले जुमले के साथ लोगों से कनेक्ट होने की कोशिश कर रहे हैं, जिसमें उन्हें बहुत हद तक सफलता भी मिली है, जबकि I.N.D.I.A गठबंधन के बाकी दल शिक्षा और स्वस्थ्य से जुडी समस्याओं के जरिए केंद्र की सरकार पर निशाना साधने की कोशिश कर रहे हैं।
अभी कुछ दिन पहले,जब केंद्र की सरकार ने एक देश एक चुनाव का जिक्र किया था, तो आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने शायद उसका बहुत बढ़िया काट निकाल लिया था। उन्होंने कह दिया था कि एक देश एक चुनाव ही क्यों ? बल्कि एक देश एक एजुकेशन ,एक देश एक हेल्थ सिस्टम वाली व्यवस्था भी लागू होनी चाहिए। अरविंद केजरीवाल उस मुद्दे को कुछ और आगे तक लेकर गए।
कुल मिलाकर विपक्ष, बीजेपी को कुछ बुनियादी समस्याओं को लेकर घेरने की कोशिशों में लगा हुआ है। उधर दिल्ली में आयोजित जी 20 की सफलता से बीजेपी ही नहीं बल्कि एनडीए के सभी घटक दल खासे खुश हैं। उन्हें ऐसा लग रहा है कि जी 20 की सफलता के बाद केंद्र की सरकार के पक्ष में एक अच्छा माहौल बन गया है, जिसका फायदा आगामी चुनाव में मिल सकता है। साथ ही साथ एनडीए के घटक दलों को भी आभास होने लगा है कि जी 20 की सफलता की गाथा गाकर लोकसभा चुनाव में लोगों को लुभाया जा सकता है।
2024 में ही अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर भी बन कर तैयार हो जायेगा। 2024 के जनवरी में उस मंदिर में स्थापित श्री राम , सीता ,लक्षमण और हनुमान समेत अन्य मूर्तियों में प्राण प्रतिष्ठा का भी कार्यक्रम बना लिया गया है। उस प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को इतना भव्य बनाने की योजना बना ली गई है जो शायद वर्षों तक याद रखी जाएगी। प्राण प्रतिष्ठा समारोह में पीएम मोदी उपस्थित रहेंगे।
कार्यक्रम के दौरान हिन्दू संगठन बजरंग दल और हिन्दू महासभा जैसे तमाम हिन्दू संगठन भी अपने-अपने स्तर से देश के कोने-कोने में कार्यक्रमों का आयोजन करेंगे। यानि प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन जनवरी में होना है, जबकि लोकसभा का चुनाव मार्च के आस-पास शुरू हो सकता है। प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम ऐसे समय में रखा गया है कि लोकसभा चुनाव शुरू होने से पहले तक शायद देश भर में प्राण प्रतिष्ठा की ही खुशियां मनाईं जाती रहेगीं। यानि जनवरी ,फ़रवरी और मार्च तक लगभग पूरा देश राममय हो चूका होगा।
अब असली सवाल यह है कि लोकसभा चुनाव में देश की जनता किन मुद्दों पर वोट डालेगी। क्या जी 20 की सफलता और प्राण प्रतिष्ठा का भव्य आयोजन,I.N.D.I.A गठबंधन के बुनयादी मुद्दों पर भारी पड़ जाएगा? भारत भावनात्मक लोगों का देश रहा है, ऐसे में राम मंदिर की महत्ता और उस मंदिर में लगी मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा वाले कार्यक्रम को देश की जनता अगर लोकसभा चुनाव तक याद रख लेगी, तो I.N.D.I.A गठबंधन की मुश्किलें बढ़ जायेगीं। लिहाजा लोकसभा चुनाव के बाद देश की जनता अगर तीसरी बार भी नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बना देती है तो फिर सबको शायद यही कहना पड़ेगा जय श्री राम हो गया काम।
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