तुर्की के बयान से हिल गया होगा पाकिस्तान, चीन की भी बढ़ जाएंगी चिन्ताएं

Last Updated 10 Sep 2023 06:42:22 PM IST

तुर्किये के राष्ट्रपति रजब तैयप एर्दोगन के एक बयान से पाकिस्तान की चिंताएं बढ़ सकती हैं। तैयप इस समय जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए भारत दौरे पर हैं।


तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयप एर्दोगन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में भारत की सदस्यता का समर्थन किया। एर्दोगन ने कहा कि यूएनएससी में भारत दैसे देश पर हमें गर्व होना चाहिए। लेकिन इसके साथ-साथ उन्होंने एक दूसरा प्रस्ताव भी पेश किया। एर्दोगन ने कहा कि यूएनएससी में एक रोटेशन होना चाहिए, ताकि सभी देश वहां पहुंच सकें। इसके बावजूद एर्दोगन के इस समर्थन को तुर्किये की विदेश नीति में बड़े बदलाव के तौर पर देखा जा रहा है।

तुर्किये के राष्ट्रपति एर्दोगन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जी20 शिखर सम्मेलन के इतर द्विपक्षीय वार्ता भी की। पिछले एक साल में दोनों पक्षों के बीच यह दूसरी व्यक्तिगत मुलाकात है। उनकी आखिरी मुलाकात एससीओ समरकंद शिखर सम्मेलन के मौके पर हुई थी। एर्दोगन ने भारत के साथ आर्थिक संबंधों पर जोर दिया। उन्होंने मोरक्को भूकंप पर संवेदना व्यक्त की। एर्दोगन के मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दो तस्वीरें ट्वीट कर बैठक की जानकारी दी। उन्होंने ट्वीट में लिखा कि राष्ट्रपति एर्दोगन से मुलाकात की। हमने भारत और तुर्किये के बीच सीमेंट व्यापार और बुनियादी ढांचे को आगे बढ़ाने के तरीकों के बारे में बात की।

एर्दोगन को पाकिस्तान समर्थन नेता माना जाता है। उनके नेतृत्व वाली तुर्किये की सरकार सभी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का समर्थन करती है। खुद एर्दोगन कई बार संयुक्त राष्ट्र महासभा में कश्मीर मुद्दे को उठा चुके हैं। हालांकि, हर बार भारत ने करारा जवाब देकर उनकी बोलती बंद की है। ऐसे में एर्दोगन का यूएनएससी में भारत की सदस्यता का समर्थन करना तुर्किये की विदेश नीति में एक टर्निंग पाइंट माना जा रहा है। इसे न सिर्फ भारत-तुर्किये संबंधों में आ रही मजबूती के तौर पर देखा जा रहा है, बल्कि पाकिस्तान से तुर्किये का मोहभंग भी माना जा रहा है।

पाकिस्तान पहले से ही आर्थिक तंगी से जूझ रहा है। इसके बावजूद उसे तुर्की से युद्धपोत और पनडुब्बियां मिल रही हैं। लेकिन, तुर्की के ताजा बयान और भारत के साथ बढ़ती नजदीकियों को पाकिस्तान के लिए खतरा माना जा रहा है। पाकिस्तान पहले से ही पूरी दुनिया में अलगाव का सामना कर रहा है। हाल में ही सऊदी अरब के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने भारत के बाद पाकिस्तान जाने से इनकार कर दिया, जो कभी उनका सबसे बड़ा फाइनेंसर हुआ करता था। ऐसे में अगर तुर्की ने भी पाकिस्तान का साथ छोड़ दिया तो उसके पास दोस्त के नाम पर सिर्फ चीन ही बचेगा।

 

समय लाइव डेस्क
नई दिल्ली


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment