गड्ढे में जा रहे प्रज्ञान को ISRO ने बचाया

Last Updated 29 Aug 2023 07:22:07 AM IST

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने सोमवार को कहा कि चंद्रयान-3 मिशन (Chandrayaan-3 Mission) के तहत भेजा गया ‘रोवर’ प्रज्ञान चंद्रमा की सतह पर अपनी अवस्थिति के ठीक आगे चार मीटर व्यास के एक गड्ढे के करीब पहुंच गया, जिसके बाद उसे पीछे जाने का निर्देश दिया गया।


गड्ढे में जा रहे प्रज्ञान को ISRO ने बचाया

इसरो ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि यह अब सुरक्षित रूप से एक नए मार्ग पर आगे बढ़ रहा है। अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि 27 अगस्त को रोवर चार मीटर व्यास के एक गड्ढे के नजदीक पहुंच गया, जो इसकी अवस्थिति से तीन मीटर आगे था। इसने कहा, रोवर को पीछे जाने का निर्देश दिया गया। अंतरिक्ष एजेंसी के अनुसार, यह अब एक नए मार्ग पर आगे बढ़ रहा है।

इसरो ने चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर के साथ लगे ‘चेस्ट’ उपकरण (पेलोड) द्वारा चंद्र सतह पर मापी गई तापमान भिन्नता का एक ग्राफ रविवार को जारी किया था। अंतरिक्ष एजेंसी के अनुसार, ‘चंद्र सरफेस थर्मो फिजिकल एक्सपेरिमेंट’ (चेस्ट) ने चंद्रमा की सतह के तापीय व्यवहार को समझने के लिए दक्षिणी ध्रुव के आसपास चंद्रमा की ऊपरी मिट्टी का ‘तापमान प्रालेख’ मापा।

इसरो ने कहा था कि चंद्रमा की सतह के तापीय व्यवहार को समझने के लिए ‘चेस्ट’ ने ध्रुव के चारों ओर चंद्रमा की ऊपरी मिट्टी के तापमान पल्रेख को मापा। पेलोड में तापमान को मापने का एक यंत्र लगा हुआ है जो सतह के नीचे 10 सेंटीमीटर की गहराई तक पहुंचने में सक्षम है। इसरो ने कहा, इसमें 10 तापमान सेंसर लगे हैं।

भाषा
बेंगलुरू


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