भारत में एक दिन में कोरोना वायरस संक्रमण के 20,408 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 4,40,00,138 हो गई। वहीं, उपचाराधीन मरीजों की संख्या घटकर 1,43,384 रह गई है।
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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा शनिवार सुबह आठ बजे जारी अद्यतन आंकड़ों से यह जानकारी मिली।
अद्यतन आंकड़ों के मुताबिक, देश में संक्रमण से 44 और मरीज़ों की मौत होने से मृतकों की संख्या बढ़कर 5,26,312 हो गई। देश में कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या घटकर 1,43,384 हो गई है, जो कुल मामलों का 0.33 प्रतिशत है। मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 98.48 प्रतिशत है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, पिछले 24 घंटे में उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 604 की कमी आई। वहीं, दैनिक संक्रमण दर 5.05 प्रतिशत, जबकि साप्ताहिक संक्रमण दर 4.92 फीसदी दर्ज की गई।
आंकड़ों के मुताबिक, भारत में अब तक कुल 4,33,30,442 मरीज़ संक्रमण से उबर चुके हैं, जबकि कोविड-19 मृत्यु दर 1.20 प्रतिशत है।
मंत्रालय के अनुसार, राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत देश में अब तक कोविड-19 रोधी टीकों की 203.94 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी हैं।
गौरतलब है कि देश में सात अगस्त 2020 को संक्रमितों की संख्या 20 लाख से अधिक हो गई थी। 19 दिसंबर 2020 को ये मामले एक करोड़ से अधिक हो गए थे। पिछले साल चार मई को संक्रमितों की संख्या दो करोड़ और 23 जून 2021 को तीन करोड़ के पार पहुंच गई थी। इस साल 25 जनवरी को मामले चार करोड़ के पार हो गए थे।
देश भर में बीमारी के कारण जिन 44 मरीज़ों की मौत हुई है उनमें से महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल के छह-छह, हरियाणा और कर्नाटक से चार-चार, गुजरात, पंजाब और उत्तर प्रदेश से तीन-तीन, बिहार, छत्तीसगढ़, जम्मू कश्मीर और मध्य प्रदेश से दो-दो और चंडीगढ़, दिल्ली, गोवा, हिमाचल प्रदेश, केरल, ओडिशा और सिक्किम से एक-एक मरीज़ ने दम तोड़ा है।
देश में अब तक कुल 5,26,312 मरीज़ों की संक्रमण से मौत हुई हैं, जिनमें महाराष्ट्र से 1,48,097 मरीज़, केरल से 70,451 मरीज़, कर्नाटक से 40,143 मरीज़, तमिलनाडु से 38,032 मरीज़, दिल्ली से 26,308 मरीज़, उत्तर प्रदेश से 23,565 मरीज़, और पश्चिम बंगाल से 21,352 मरीज़ शामिल हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि संक्रमण से जिन लोगों ने दम तोड़ा है उनमें 70 प्रतिशत से अधिक लोगों को गंभीर बीमारियां थीं। मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर कहा, ‘‘हमारे आंकड़ों का भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के आंकड़ों के साथ मिलान किया जा रहा है।’’
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