संसद पर हमले की बरसी : अब संसद की सुरक्षा पर सख्त पहरा

Last Updated 13 Dec 2021 03:04:30 AM IST

दो दशक पहले संसद की सुरक्षा में सेंध लगाकर आतंकी हमले भले ही एक भयानक चूक थी लेकिन अब संसद की सुरक्षा पर सख्त पहरा है।


संसद पर हमले की बरसी

दिन-रात और 24 घंटे त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था के कारण सुरक्षा में सेंध लगाना मुश्किल है। तमाम इलेक्ट्रॉनिक एवं तकनीकी उपकरणों से संसद की सुरक्षा को ताकत मिली है। अब गलती से भी किसी चूक पर संसद भवन परिसर में लगे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण सायरन सतर्क करने के लिए पर्याप्त हैं। इसी के साथ क्विक एक्शन टीम (क्यूएटी) मोर्चा संभालने में चंद सेकेंड भी नहीं लगाती है।

दरअसल 13 दिसम्बर 2001 को संसद परिसर में हुए आतंकी हमले में के बाद संसद की सुरक्षा व्यवस्था को चाकचौबंद करने से व्यापक स्तर पर कार्य किये गये हैं। पूरे संसद भवन की सुरक्षा को तकनीकी तौर पर सुदृढ़ करने के लिए बड़ी धनराशि खर्च की गयी है। कई तरह के इलेक्ट्रॉनिक उपकरण लगाने के साथ-साथ बुम बैरियर्स और टॉयर बस्टर्स लगाये गये ताकि बगैर किसी अनुमति के कोई वाहन एक झटके के साथ संसद भवन में प्रवेश नहीं कर सके। वाहनों में सुरक्षा के लिहाज से आरएफआईडी टैग वाले प्रवेश पास लगाये गये हैं ताकि कोई अन्य वाहन संसद भवन में जा सके।

संसद की सुरक्षा व्यवस्था त्रिस्तरीय है। संसद भवन के भीतर संसद के सुरक्षाकर्मी तैनात हैं जबकि परिसर में केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) के जवान तैनात हैं और बाहरी स्तर पर दिल्ली पुलिस के सुरक्षाकर्मी हैं।

बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों के अलावा प्रत्येक प्रवेश द्वार पर सुरक्षा के लिहाज से सीसीटीवी, एक्सेस कंट्रोल, व्यक्तियों और सामान की जांच के लिए उपकरण लगे हुए हैं। यहां तक वाहन स्कैनिंग प्रणाली के अलावा विस्फोटक पदार्थ का पता लगाने के लिए उपकरण  हुए हैं। यदि किसी भी कारणवश  की सुरक्षा जांच के लिए सायरन आवाज के साथ ही संसद भवन परिसर में तैनात क्विक एक्शन टीम के बख्तरबंद गाड़ियों के साथ मोर्चा संभाल लेते हैं।

सुरक्षा की निगरानी के लिए अधिकारियों की निगाहें लगातार सीसीटीवी के फुटेज पर लगी रहती हैं। संसद भवन के भीतर पर प्रत्येक प्रवेश द्वार बिल्कुल उसी तरह से जांच की जाती है जैसे संसद भवन में बाहर से आने पर पहले प्रवेश द्वार होती हैं। आरएफआईडी टैग वाले वाहनों पर भी उन्हीं को प्रवेश मिलता हैं, जिनका पास होता है। यहां तक माननीय भी अपने वाहनों को बगैर पास वाले व्यक्ति को अपने साथ नहीं ला सकते हैं।

विनोद श्रीवास्तव/सहारा न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली


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