दिलीप घोष पर हमला पूर्व नियोजित था : बंगाल भाजपा प्रमुख

Last Updated 29 Sep 2021 08:01:50 PM IST

दक्षिणी कोलकाता के भवानीपुर में विधानसभा उपचुनाव के लिए मतदान होने से एक दिन पहले भाजपा ने आरोप लगाया है कि पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष पर हमले की साजिश सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने मतदाताओं में भय का माहौल पैदा करने के लिए रची थी।


भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष

पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने आईएएनएस से कहा कि कि मतदान से पहले मतदाताओं को डराने के लिए हिंसा की गई।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नंदीग्राम में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी से हारने के बाद भवानीपुर क्षेत्र से उपचुनाव लड़ रही हैं, जहां उनका मुकाबला भाजपा की प्रियंका टिबरेवाल से है। यहां मतदान 30 सितंबर को होगा और मतगणना 3 अक्टूबर को होगी।

मजूमदार ने दावा किया कि घोष पर हमला उनकी हत्या के इरादे से किया गया और यह पूर्व नियोजित था। उन्होंने कहा, "भवानीपुर में विपक्ष को दबा दिया गया है और दिलीप दा की हत्या की साजिश रची गई थी। ऐसा सिर्फ डर का माहौल बनाने के लिए किया गया।"



नवनियुक्त बंगाल भाजपा प्रमुख ने चुनाव आयोग से भवानीपुर निर्वाचन क्षेत्र में कानून व्यवस्था लागू करने के लिए सख्त कदम उठाने की मांग की।

मजूमदार को भवानीपुर में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव होने में संदेह है। उन्होंने कहा, "जिस तरह से टीएमसी ने निर्वाचन क्षेत्र में हमारे नेता पर हिंसक हमले से भय का माहौल बनाया है, उससे डर और निष्पक्ष चुनाव की बहुत कम संभावना है। विशेष रूप से व्यापारिक समुदाय से जुड़े मतदाताओं को खतरा महसूस हुआ और यह सत्तारूढ़ दल की योजना थी।"

उनका दावा है कि टीएमसी ने हिंसा के सभी कृत्य मतदान के दिन कम मतदान सुनिश्चित करने के लिए किए थे, ताकि सत्ताधारी पार्टी अपने पक्ष में धांधली कर सके।

मजूमदार ने कहा, "उन्होंने डर का माहौल बनाया, ताकि लोग मतदान करने के लिए बाहर न आएं और कम मतदान की स्थिति में मुख्यमंत्री को वोट दिलाने के लिए वे बदले में किसी और को मतदान के लिए भेज सकें। कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए मतदाताओं को मास्क लगाए रखना है, फर्जी मतदाता को मास्क से चेहरा छुपाने में आसानी होगी।"

भवानीपुर में हिंसा के मद्देनजर भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को चुनाव आयोग पहुंचा था। उन्होंने स्वतंत्र और शांतिपूर्ण चुनाव सुनिश्चित करने के लिए सूक्ष्म पर्यवेक्षकों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की 40 कंपनियों की तैनाती की मांग की है।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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