युवा डॉक्टरों को फुटबॉल न समझिए : उच्चतम न्यायालय
उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा, युवा चिकित्सकों का सत्ता के खेल में फुटबॉल की तरह इस्तेमाल न करे। न्यायालय ने केंद्र को चेतावनी देते हुए कि अगर वह राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा -अति विशिष्टता (नीट-एसएस) 2021 के पाठ्यक्रम में अंतिम समय में किए गए बदलाव के औचित्य से संतुष्ट नहीं हुआ तो वह प्रतिकूल टिप्पणियां करेगा।
उच्चतम न्यायालय |
उच्चतम न्यायालय ने कहा कि वह इन युवा चिकित्सकों को कुछ असंवेदनशील नौकरशाहों के हाथों में खेलने की अनुमति नहीं देगा और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (एमओएचएफडब्ल्यू), राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) और राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (एनबीई) से कहा कि वह अपना घर दुरुस्त करे। न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना की पीठ ने केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐर्या भाटी को एक सप्ताह के भीतर अन्य दो अधिकारियों के साथ बैठक करने को कहा।
पीठ ने कहा, आप बेहतर कारण बताइए, क्योंकि यदि हम संतुष्ट नहीं हुए तो आपके बारे में प्रतिकूल टिप्पणियां पारित करेंगे। पीठ ने कहा, सत्ता के खेल में इन युवा चिकित्सकों का फुटबॉल की तरह इस्तेमाल न करे। बैठक करें और अपने घर को दुरुस्त करें। हम इन युवा चिकित्सकों के जीवन को कुछ असंवेदशील नौकरशाहों के हाथों में नहीं आने देंगे।
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