'मन की बात' में मोदी ने कहा, गुमनाम नायकों पर लिख रहे हैं 5000 युवा लेखक

Last Updated 26 Sep 2021 02:08:55 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' में कहा कि लगभग 5,000 शौकिया युवा लेखक गुमनाम नायकों के योगदान पर काम कर रहे हैं और उन्होंने नागरिकों से इस काम में योगदान देने का आग्रह किया।


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (File photo)

उन्होंने कहा, "5,000 से अधिक शौकिया लेखक 'गुमनाम नायकों' के जीवन को प्रचारित करने की दिशा में काम कर रहे हैं जिन्होंने भारत के विकास और स्वतंत्रता की कहानी में योगदान दिया है। मैं ऐसे और लोगों से आगे आने और साहस की ऐसी कहानियों को हमारे साथ साझा करने का आग्रह करता हूं।"

उन्होंने कहा कि हमारे देश के युवाओं ने फैसला किया है कि वे गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों के इतिहास को सामने लाएंगे और प्रत्येक नागरिक से इसमें योगदान करने का आग्रह किया।

प्रधानमंत्री ने गांधी जयंती से पहले खादी पर जोर दिया और कहा कि कृषि क्षेत्र में नई नवीन तकनीकों को अपनाया जाएगा क्योंकि यह दिन लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के साथ मेल खाता है।



उन्होंने यह भी कहा, "सितंबर एक महत्वपूर्ण महीना है, एक महीना जब हम विश्व नदी दिवस मनाते हैं। हमारी नदियों के योगदान को याद करने का दिन जो हमें निस्वार्थ रूप से पानी प्रदान करते हैं, मैं देश भर के लोगों से कम से कम साल में एक बार 'नदी उत्सव' मनाने का आग्रह करता हूं।"

उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें मिले उपहारों की विशेष 'ई-नीलामी' चल रही है और इससे होने वाली आय को 'नमामि गंगे' परियोजना को समर्पित किया जाएगा।

मोदी ने उल्लेख किया कि कैसे लोगों की पहल ने तमिलनाडु में नागा नदी की मदद की, जो सूख गई थी। लेकिन ग्रामीण महिलाओं की पहल और सक्रिय जनभागीदारी से नदी में जान आ गई और आज भी नदी में भरपूर पानी है।

उन्होंने यह भी कहा कि भारत के पश्चिमी हिस्सों, विशेषकर गुजरात और राजस्थान में पानी की कमी है और लोग सूखे का शिकार होते हैं। गुजरात में, बारिश के मौसम की शुरूआत में लोग 'जल-जिलानी एकादशी' मनाते हैं, जिसे आज हम 'कैच द रेन' कहते हैं।

प्रधानमंत्री ने सियाचिन ग्लेशियर की यात्रा के बारे में विकलांग लोगों के एक समूह के साहस और उत्साह का उल्लेख किया।

उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले सियाचिन के दुर्गम इलाके में 8 दिव्यांगों की टीम ने 15,000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर स्थित 'कुमार पोस्ट' पर भारतीय झंडा लहराकर विश्व रिकॉर्ड बनाया था।

प्रधानमंत्री ने 350 से अधिक शिक्षकों के योगदान की सराहना की, जो गांव-गांव जाने और विकलांग बच्चों को महामारी के दौरान स्कूल में प्रवेश सुनिश्चित करने की सेवा में शामिल हुए हैं।

डिजिटल लेनदेन से देश की अर्थव्यवस्था में स्वच्छता, पारदर्शिता आ रही है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि डिजिटल लेनदेन से देश की अर्थव्यवस्था में स्वच्छता और पारदर्शिता आ रही है तथा इसके कारण भ्रष्टाचार जैसी रुकावटों में बहुत कमी आई है।

प्रधानमंत्री ने नदियों को प्रदूषण से मुक्त करने, स्वच्छता अभियान को निरंतर जारी रखने और खादी तथा स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहित करने पर बल दिया।

उन्होंने कहा कि जिस तरह घर-घर शौचालय निर्माण की केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ने गरीबों की गरिमा बढ़ाई, वैसे ही आर्थिक स्वच्छता गरीबों के अधिकार सुनिश्चित करती है, उनका जीवन आसान बनाती है।

मोदी ने कहा कि जन-धन खातों के अभियान की वजह से आज गरीबों को उनके हक का पैसा सीधा उनके खाते में जा रहा है जिसके कारण भ्रष्टाचार जैसी रुकावटों में बहुत अधिक कमी आई है।

डिजिटल लेनदेन के बढ़ते प्रचलन का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आर्थिक स्वच्छता में प्रौद्योगिकी बहुत मदद कर सकती है।

उन्होंने कहा, ‘‘पिछले अगस्त महीने में यूपीआई से 355 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ। आज औसतन छह लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का डिजिटल भुगतान यूपीआई से हो रहा है। इससे देश की अर्थव्यवस्था में स्वच्छता और पारदर्शिता आ रही है।’’

स्वच्छ भारत अभियान का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस प्रकार महात्मा गांधी ने स्वच्छता को स्वाधीनता के सपने के साथ जोड़ दिया था, उसी प्रकार इतने दशकों बाद स्वच्छता आंदोलन ने एक बार फिर देश को नए भारत के सपने के साथ जोड़ने का काम किया है।

उन्होंने कहा कि स्वच्छता का अभियान साल-दो साल या एक सरकार-दूसरी सरकार का विषय नहीं है, बल्कि पीढ़ी दर पीढ़ी स्वच्छता के संबंध में सजगता से लगातार बिना थके-बिना रुके बड़ी श्रद्धा के साथ जुड़े रहना है और स्वच्छता के अभियान को चलाए रखना है।

मोदी ने कहा, ‘‘स्वच्छता महात्मा गांधी को इस देश की बहुत बड़ी श्रद्धांजलि है और यह श्रद्धांजलि हमें हर बार देते रहना है, लगातार देते रहना है।’’

प्रधानमंत्री ने ‘विश्व नदी दिवस’ का उल्लेख करते हुए कहा कि नदियां सिर्फ भौतिक वस्तु नहीं हैं, बल्कि वे एक जीवंत इकाई हैं और इसलिए भारतवासी नदियों को मां कहते हैं|

उन्होंने कहा कि नदियों की सफाई और प्रदूषण से मुक्ति सभी के प्रयासों व सहयोग से ही संभव है।

मोदी ने कहा कि आज खादी और हैंडलूम का उत्पादन कई गुना बढ़ा है तथा उसकी मांग भी बढ़ी है। उन्होंने कहा कि इसका नमूना पिछले वर्ष देखने को मिला था जब दिल्ली के खादी शोरूम में एक दिन में एक करोड़ रुपये से ज्यादा का कारोबार हुआ था।

उन्होंने खादी का सामान खरीदने की अपील करते हुए कहा, ‘‘दो अक्टूबर यानी गांधी जयंती पर हम सब फिर से एक बार एक नया रिकार्ड बनाएं।’’

कोविड-19 रोधी टीकाकरण के सुरक्षा चक्र से कोई छूटे नहीं

पर्व और त्योहारों के मौसम से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को देशवासियों से कोविड-19 से बचाव के सभी उपायों का पालन करने का आग्रह किया और यह सुनिश्चित करने को कहा कि टीकाकरण अभियान में कोई भी पीछे न छूटे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आने वाला समय त्योहारों का है और पूरा देश असत्य पर मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम की विजय का पर्व भी मनाने वाला है लेकिन इस उत्सव में देशवासियों को एक और लड़ाई के बारे में याद रखना है तथा वह है कोरोना से लड़ाई।

उन्होंने कहा, ‘‘टीम इंडिया इस लड़ाई में रोज नए रिकॉर्ड बना रही है। टीकाकरण में देश ने कई ऐसे रिकॉर्ड बनाए हैं जिसकी चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है और इस लड़ाई में हर भारतवासी की अहम भूमिका है।’’

मोदी ने कहा, ‘‘हमें अपनी बारी आने पर टीका तो लगवाना ही है, पर इस बात का भी ध्यान रखना है कि कोई इस सुरक्षा चक्र से छूट न जाए।’’

उन्होंने लोगों से कहा कि आस-पास के जिन लोगों ने टीके नहीं लगवाए हैं, उन्हें भी टीकाकरण केंद्र तक ले जाकर टीका लगवाना सुनिश्चित करना है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि टीका लगने के बाद भी जरूरी दिशा-निर्देशों का पालन करना आवश्यक है।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि इस लड़ाई में एक बार फिर टीम इंडिया अपना परचम लहराएगी।’’

आईएएनएस/भाषा
नई दिल्ली


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment