प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से पहली प्रत्यक्ष मुलाकात के पूर्व भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार को दावा किया कि भले ही वहां (अमेरिका में) किसी भी दल का कोई भी राष्ट्रपति रहा हो लेकिन पिछले सात सालों में भारत-अमेरिका संबंधों में प्रगाढता रही है।
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भाजपा मुख्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पार्टी प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि भारतीय प्रधानमंत्री के रूप में मोदी की तीसरे अमेरिकी राष्ट्रपति से मुलाकात होनी है।
उन्होंने कहा, ‘‘ विगत सात वर्षों में चाहे दल बदले अथवा राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री मोदी का संबंध अमेरिका की सरकार के साथ… सभी राष्ट्रपतियों के साथ उतनी ही प्रगाढ़ता का रहा है… और भारत के संदर्भ में उतनी ही प्रबलता के साथ अपना पक्ष रखने का रहा है।’’
संवाददाता सम्मेलन में मौजूद भाजपा के विदेश मामलों के विभाग के मुखिया विजय चौथाइवाले ने कहा कि वर्ष 2014 में मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत-अमेरिका संबंधों में उत्तरोत्तर मजबूती आई है।
मोदी की पांच बड़ी कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों और अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस से मुलाकातों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि दोनों देश ना सिर्फ रणनीतिक साझेदार हैं, बल्कि आतंकवाद और सुरक्षा सहित वैश्विक मुद्दों पर समान व साझा विचार रखते हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने जिन पांच प्रमुख कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों से बृहस्पतिवार को मुलाकात की उनका चयन भी बहुत सोच-समझकर किया गया था। उन्होंने बताया कि उन सभी अधिकारियों ने भारतीय अर्थव्यवस्था पर भरोसा जताया है और निवेश का वादा किया है।
उन्होंने कहा कि क्वाड समूह के नेताओं के साथ सम्मेलन में अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के परिप्रेक्ष्य में आतंकवाद का मुद्दा उठेगा। साथ ही दक्षिण चीन सागर में कानून का राज और स्वतंत्र आवाजाही पर भी चर्चा होगी।
प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे के महत्व को रेखांकित करते हुए भाजपा नेताओं ने कहा कि बाइडन और हैरिस के अलावा उन्होंने (मोदी ने) जापान और ऑस्टेलिया के शीर्ष नेताओं के साथ भी वार्ता की है। इसके अलावा मोदी क्वाड समूह के नेताओं के सम्मेलन में शिरकत करेंगे और संयुक्त राष्ट्र आम सभा को भी संबोधित करेंगे।
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