भारत में एक दिन में कोविड-19 के 31,382 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 3,35,94,803 हो गई। वहीं, उपचाराधीन मरीजों की संख्या कम होकर 3,00,162 रह गई है, जो 188 दिनों बाद सबसे कम है।
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केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से शुक्रवार सुबह आठ बजे जारी किए गए अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, संक्रमण से और 318 लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 4,46,368 हो गई। देश में अभी 3,00,162 लोगों का कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज चल रहा है, जो कुल मामलों का 0.89 प्रतिशत है। यह दर मार्च 2020 के बाद से सबसे कम है। पिछले 24 घंटे में उपचाराधीन मरीजों की संख्या में कुल 1,478 की कमी दर्ज की गई। मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 97.78 प्रतिशत है, जो मार्च 2020 के बाद से सर्वाधिक है।
आंकड़ों के अनुसार, देश में अभी तक कुल 55,99,32,709 नमूनों की कोविड-19 संबंधी जांच की गई है, जिनमें से 15,65,696 नमूनों की जांच बृहस्पतिवार को की गई। दैनिक संक्रमण दर दो प्रतिशत है, जो पिछले 25 दिनों से तीन प्रतिशत से कम है। वहीं, साप्ताहिक संक्रमण दर 2.07 प्रतिशत है, जो पिछले 91 दिन से तीन प्रतिशत से कम बनी हुई है। अभी तक कुल 3,28,48,273 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं, जबकि मृत्यु दर 1.33 प्रतिशत है। राष्ट्रव्यापी टीकाकरण मुहिम के तहत अभी तक कोविड-19 रोधी टीकों की 84.15 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी है।
देश में पिछले साल सात अगस्त को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितंबर को 40 लाख से अधिक हो गई थी। वहीं, संक्रमण के कुल मामले 16 सितंबर को 50 लाख, 28 सितंबर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख और 20 नवंबर को 90 लाख के पार चले गए थे। देश में 19 दिसंबर को ये मामले एक करोड़ के पार, इस साल चार मई को दो करोड़ के पार और 23 जून को तीन करोड़ के पार चले गए थे।
मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, देश में पिछले 24 घंटे में जिन 318 लोगों की मौत हुई, उनमें से करेल के 152 और महाराष्ट्र के 61 लोग थे। देश में संक्रमण से अभी तक कुल 4,46,368 लोगों की मौत हुई है, जिनमें से महाराष्ट्र के 1,38,725, कर्नाटक के 37,683, तमिलनाडु के 35,427, दिल्ली के 25,085, केरल के 24,191, उत्तर प्रदेश के 22,889 और पश्चिम बंगाल के 18,703 लोग थे।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि अभी तक जिन लोगों की मौत हुई है, उनमें से 70 प्रतिशत से ज्यादा मरीजों को अन्य बीमारियां भी थीं। मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर बताया कि उसके आंकड़ों का भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के आंकड़ों के साथ मिलान किया जा रहा है।
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