ISI ने भारत में गिरफ्तार 2 आतंकियों को सिंध में दिया था प्रशिक्षण

Last Updated 16 Sep 2021 12:37:21 AM IST

पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) गिरफ्तार किए गए कथित आतंकवादियों में से दो को समुद्री मार्ग से ग्वादर बंदरगाह ले गई थी और फिर उन्हें बम बनाने का प्रशिक्षण दिलाने के लिए सिंध लेकर जाया गया था।


ISI ने भारत में गिरफ्तार 2 आतंकियों को सिंध में दिया था प्रशिक्षण

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को बुधवार को उन छह संदिग्ध आतंकियों से पूछताछ के दौरान यह जानकारी मिली है, जिन्हें मंगलवार को गिरफ्तार किया गया था।

स्पेशल सेल के अधिकारी अब इस बात की जांच कर रहे हैं कि दोनों कैसे पाकिस्तान गए, उन्होंने किस तरह से ट्रेनिंग ली और वे किस प्रकार से भारत लौटकर आए।

जांच में पाया गया है कि दो संदिग्ध आतंकवादियों - दिल्ली के जामिया नगर निवासी ओसामा और यूपी के प्रयागराज निवासी जीशान कमर को दैनिक उपयोग की वस्तुओं की मदद से बम और आईईडी बनाने और आगजनी करने का प्रशिक्षण दिया गया था। उन्हें छोटी आग्नेयास्त्रों और एके-47 को संभालने और उपयोग करने का भी प्रशिक्षण दिया गया था।

पूछताछ में पता चला कि ओसामा अप्रैल में मस्कट के लिए रवाना हुआ था, जहां उसकी मुलाकात जीशान से हुई थी, जो भारत से पाकिस्तान में ट्रेनिंग के लिए गया था।

उनके साथ 15 से 16 बंगाली भाषी लोग भी शामिल हुए, जिनके बांग्लादेशी नागरिक होने का संदेह है। उन्हें उप-समूहों में विभाजित किया गया और जीशान और ओसामा को एक समूह में रखा गया।

अगले कुछ दिनों में, कई छोटी समुद्री यात्राओं के बाद, कई बार नावें बदलते हुए, उन्हें ग्वादर के पास जियोनी ले जाया गया। वहां उनका स्वागत एक पाकिस्तानी ने किया, जो उन्हें सिंध प्रांत के थट्टा के एक फार्महाउस में ले गया।

फार्महाउस में तीन पाकिस्तानी नागरिक थे। इनमें से दो, जब्बार और हमजा ने उन्हें प्रशिक्षण दिया। प्राप्त जानकारी के अनुसार, ये दोनों पाकिस्तानी सेना से थे, क्योंकि उन्होंने सैन्य वर्दी पहनी थी।

प्रशिक्षण लगभग 15 दिनों तक चला और उसके बाद, उन्हें उसी मार्ग से मस्कट वापस ले जाया गया।

इससे पहले दिन में, दिल्ली की एक अदालत ने छह आतंकवादियों को 14 दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया।

ओसामा और जीशान के अलावा गिरफ्तार चार अन्य आरोपियों की पहचान मुंबई निवासी जान मोहम्मद शेख, यूपी के रायबरेली निवासी मूलचंद, यूपी के बहराइच निवासी मोहम्मद अबू बकर और लखनऊ निवासी मोहम्मद आमिर जावेद के रूप में हुई है।

गिरफ्तार व्यक्तियों को आतंकी योजना के विभिन्न पहलुओं को अंजाम देने के लिए अलग से काम सौंपा गया था।

दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ को देश के विभिन्न हिस्सों में आतंकवादी हमलों को अंजाम देने की साजिश के बारे में केंद्रीय खुफिया एजेंसियों से सूचना मिलने के बाद, इसने एक बहुआयामी अभियान चलाया, जिसमें मुंबई और यूपी में प्रयागराज, रायबरेली और प्रतापगढ़ के साथ ही लखनऊ में कई टीमें तैनात की गई थीं।

14 सितंबर को, मानव और तकनीकी नोड्स के माध्यम से एकत्र की गई खुफिया जानकारी के आधार पर, विभिन्न राज्यों में एक साथ छापे मारे गए। प्रारंभ में, अंडरवल्र्ड ऑपरेटिव शेख को राजस्थान के कोटा के पास से पकड़ा गया था, जब वह दिल्ली जा रहा था, ओसामा को दिल्ली के ओखला से और अबू बक्र को सराय काले खां से, जीशान को प्रयागराज से, जावेद को लखनऊ से और मूलचंद को रायबरेली से पकड़ा गया है। यूपी में ऑपरेशन यूपी एटीएस के अधिकारियों के साथ घनिष्ठ और सफल समन्वय में किया गया।

पूछताछ में पता चला है कि इस मॉड्यूल को एक स्लीपर सेल के संचालक से परिष्कृत आरडीएक्स-आधारित आईईडी, ग्रेनेड, पिस्तौल और कारतूस प्राप्त हुए थे और इन्हें सुरक्षित छिपाने के लिए यूपी भेजा गया था। स्लीपर सेल के संचालकों की तलाश की जा रही है जो अभी फरार हैं।

जांच में यह भी पाया गया कि शेख को मूलचंद के साथ, पाकिस्तान स्थित अनीस इब्राहिम, दाऊद इब्राहिम के भाई, ने दिल्ली में हथियार प्राप्त करने और उन्हें दिल्ली और मुंबई और अन्य हिस्सों में अन्य आतंकवादी गुर्गों को सौंपने का काम सौंपा था।

इसके बाद, आईईडी की समान खेपों की आगे सुपुर्दगी उसी चैनल के माध्यम से की जानी थी।

आईएसआई के इशारे पर काम करने वाले अंडरवल्र्ड घटक को दो कार्य सौंपे गए थे, जिसमें हथियारों और विस्फोटकों का परिवहन और हवाला चैनलों के माध्यम से आतंकी फंडिंग शामिल है।

आईएसआई प्रशिक्षित आतंकी लक्ष्य की टोह लेने और आईईडी लगाने का काम सौंपा गया था।

पुलिस ने कहा कि इस नेटवर्क के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए और भी गहराई से जांच-पड़ताल की जा रही है।
 

आईएएनएस
नई दिल्ली


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