UP Assembly Elections 2021: शाह और नड्डा से मिले योगी, जल्द हो सकता है यूपी में मंत्रिपरिषद विस्तार

Last Updated 20 Aug 2021 10:49:19 AM IST

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह से यहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की गुरुवार को हुई मीटिंग के बाद चुनावी राज्य उत्तर प्रदेश में मंत्रिपरिषद विस्तार जल्द से जल्द होने की संभावना है।


नड्डा से मिले योगी (file phtoo)

पार्टी सूत्रों के मुताबिक अगले 15 दिन के भीतर नए मंत्रियों के नाम तय हो जाएंगे। खराब प्रदर्शन वाले कुछ मंत्रियों को हटाकर जनता के बीच नाराजगी दूर की जा सकती है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार को दिल्ली के दौरे पर पहुंचे थे। इस दौरान उनकी गृहमंत्री अमित शाह के आवास पर राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और संगठन महामंत्री बीएल संतोष के साथ बैठक हुई थी। इस बैठक में उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और प्रदेश संगठन महामंत्री सुनील बंसल भी मौजूद थे। करीब तीन घंटे तक चली इस मीटिंग में उत्तर प्रदेश के राजनीतिक हालात पर चर्चा हुई। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह ने चुनावी तैयारियों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से चर्चा की।

पार्टी के भरोसेमंद सूत्रों ने बताया कि इस बैठक में उत्तर प्रदेश में सोशल इंजीनियरिंग के तहत 15 दिनों के भीतर मंत्रिपरिषद विस्तार पर भी चर्चा हुई। माना जा रहा है कि सितंबर में मंत्रिपरिषद विस्तार हो सकता है।

सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए जितिन प्रसाद, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेयी, निषाद पार्टी मुखिया संजय निषाद को मंत्री बनाया जा सकता है। इन नेताओं के नाम विधान परिषद सदस्य(एमएलसी) की मनोनीत सीटों के लिए भी चल रहे हैं। उत्तर प्रदेश में मनोनयन वाली एमएलसी की कुल चार सीटों को भरा जाना है।

गृहमंत्री अमित शाह के आवास पर हुई बैठक में निषाद पार्टी के मुखिया डॉ. संजय निषाद भी शामिल हुए थे। पार्टी के एक नेता ने आईएएनएस को बताया, संभावित मंत्रिपरिषद विस्तार में सहयोगी दलों को मौका देने की तैयारी है। संजय निषाद की पार्टी भी सरकार में शामिल हो सकती है। संजय निषाद भाजपा नेतृत्व के संपर्क में लगातार बने हुए हैं।

निषाद पार्टी की ओर से जारी बयान में कहा गया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद ने गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ मीटिंग में कई मुद्दे उठाए। आरक्षण आंदोलन के दौरान पिछली सरकारों के राजनैतिक मुकदमे के वापसी से लेकर आरक्षण के मुद्दे पर चर्चा हुई। पिछली सरकारों की ओर से मछुआरों के जीवकोपार्जन के संसाधन ताल, झील, जलाशय, पोखरों को काला कानून बनाकर निषादों से छिनने वाले कानून को समाप्त करने की उन्होंने मांग की। विधानसभा चुनाव में निषाद पार्टी की हिस्सेदारी, निषाद बाहुल्य सीटों पर चर्चा हुई।

अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए पिछले महीने उत्तर प्रदेश के सात नेताओं को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था। उत्तर प्रदेश के नवनियुक्त मंत्रियों में अपना दल की अनुप्रिया पटेल को छोड़कर सभी भाजपा से हैं।

जून के बाद से आदित्यनाथ की दिल्ली की यह तीसरी यात्रा थी। उत्तर प्रदेश में बदलाव की अटकलों के बीच, आदित्यनाथ ने पहले दो दिनों के लिए राष्ट्रीय राजधानी का दौरा किया था और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, नड्डा और शाह से मुलाकात की थी।

पिछले महीने संसद के मानसून सत्र के दौरान यूपी के सीएम नड्डा के साथ राज्य के सांसदों के साथ बैठक में मौजूद थे।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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