ई-रुपी लांच करते हुए बोले प्रधानमंत्री मोदी - देश डिजिटल गवर्नेंस को दे रहा नया आयाम

Last Updated 02 Aug 2021 08:10:05 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से ई-रुपी वाउचर लांच किया। यह व्यक्ति-विशिष्ट और उद्देश्य-विशिष्ट डिजिटल पेमेंट सॉल्यूशन है।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (File photo)

इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा ई-रुपी से डिजिटल ट्रांजैक्शन को प्रभावी बनाने में मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, आज देश डिजिटल गवर्नेंस को एक नया आयाम दे रहा है। ई-रुपी वाउचर देश में डिजिटल ट्रांजेक्शन और डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर(डीबीटी) को और प्रभावी बनाने में बहुत बड़ी भूमिका निभाने वाला है। सरकार ही नहीं, अगर कोई सामान्य संस्था या संगठन किसी के इलाज में, किसी की पढ़ाई में या दूसरे काम के लिए कोई मदद करना चाहता है तो, वो कैश के बजाय ई-रुपी दे पाएगा। इससे सुनिश्चित होगा कि उसके द्वारा दिया गया धन, उसी काम में लगा है, जिसके लिए वो राशि दी गई है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि ई-रुपी, एक तरह से पर्सन के साथ-साथ परपज स्पेसिफिक भी है। जिस मकसद से कोई मदद या कोई बेनिफिट दिया जा रहा है, वो उसी के लिए प्रयोग होगा, ये ई-रुपी सुनिश्चित करने वाला है। भारत आज दुनिया को दिखा रहा है कि टेक्नोलॉजी को अडॉप्ट करने में, उससे जुड़ने में वो किसी से भी पीछे नहीं है।



प्रधानमंत्री ने कहा, इनोवेटर्स की बात हो, सर्विस डिलीवरी में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हो, भारत दुनिया के बड़े देशों के साथ मिलकर ग्लोबल लीडरशिप देने की क्षमता रखता है। मुझे विश्वास है कि ई-रुपी वाउचर भी सफलता के नए अध्याय लिखेगा। इसमें हमारे बैंकों और पेमेंट गेटवे की बहुत बड़ी भूमिका है। हमारे सैंकड़ों प्राइवेट अस्पतालों, कॉपोर्रेट्स, उद्योग जगत, एनजीओ और दूसरे संस्थानों ने भी इसको लेकर बहुत रुचि दिखाई है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पीएम किसान सम्मान निधि के तहत 1 लाख 35 हजार करोड़ रुपये सीधे किसानों के खातों में पहुंचाए गए हैं। इस बार किसानों से जो गेहूं की सरकारी खरीद हुई है, उसका करीब 85,000 करोड़ रुपये सीधे किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर किया गया है। हमारी सरकार ने पीएम स्वनिधि योजना की शुरूआत की। आज देश के छोटे-बड़े शहरों में, 23 लाख से अधिक रेहड़ी-पटरी और ठेले वालों को इस योजना के तहत मदद दी गई है। इसी कोरोना काल में करीब-करीब 2,300 करोड़ रुपये उन्हें दिए गए हैं।

क्या है ई-रुपी?

यह डिजिटल भुगतान के लिए एक कैशलेस सिस्टम है। क्यूआर कोड या एसएमएस स्ट्रिंग-आधारित ई-वाउचर है, जिसे लाभार्थियों के मोबाइल पर पहुंचाया जाता है। इसके यूजर्स, अपने सर्विस प्रोवाइडर के केंद्र पर कार्ड, डिजिटल भुगतान एप या इंटरनेट बैंकिंग एक्सेस के बगैर ही वाउचर की राशि को प्राप्त करने में सक्षम होंगे। इसे नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने अपने यूपीआई प्लेटफॉर्म पर वित्तीय सेवा विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के सहयोग से विकसित किया है। प्री-पेड होने की वजह से सेवा प्रदाता को किसी मध्यस्थ के हस्तक्षेप के बिना ही सही समय पर भुगतान संभव हो जाता है।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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