कोरोना : भारत की मदद को नहीं भूलेगा अमेरिका
भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते द्विपक्षीय संबधों के परिचायक के रूप में विदेश मंत्री एस जयशंकर और अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने अफगानिस्तान की स्थिति, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भागीदारी, कोविड-19 महामारी से निपटने के प्रयासों और क्षेत्रीय सुरक्षा मजबूत करने के तौर-तरीकों पर व्यापक बातचीत की। ब्लिंकन ने एनएसए अजीत डोभाल से भी द्विपक्षीय मुद्दों पर वार्ता की।
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन |
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि कोरोना ने अमेरिका और भारत दोनों को बहुत बुरी तरह प्रभावित किया। भारत ने हमें इस महामारी में सहायता प्रदान की। उस सहायता को हम नहीं भूलेंगे। ब्लिंकन ने भारत के कोविड टीकाकरण कार्यक्रम के लिए ढाई करोड़ डॉलर की अमेरिकी सहायता की घोषणा की।
संयुक्त मीडिया ब्रीफिंग में ब्लिंकन ने कहा कि दुनिया में कुछ ही ऐसे संबंध हैं जो अमेरिका भारत के बीच के रिश्ते से अधिक अहम हैं। उन्होंने साथ ही कहा कि दुनिया के अग्रणी लोकतंत्रों के तौर पर हम अपने सभी लोगों को स्वतंत्रता, समानता एवं अवसरों को लेकर अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से लेते हैं। भारत और अमेरिका के कदम ही 21वीं सदी और उसके बाद के दौर का स्वरूप तय करेंगे और यही वजह है कि भारत के साथ साझेदारी मजबूत करना अमेरिका की विदेश नीति की शीर्ष प्राथमिकताओं में से एक है। हमने अफगानिस्तान सहित क्षेत्रीय सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा की।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि ब्लिंकन के साथ मुलाकात ऐसे महत्वपूर्ण समय में हो रही है जब प्रमुख वैश्विक, क्षेत्रीय चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटने की जरूरत है। हमारे द्विपक्षीय संबंध उस स्तर तक बढ़े हैं जो हमें बड़े मुद्दों से सहयोगात्मक रूप से निपटने में सक्षम बनाते हैं।
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