फिर आप उन लोगों को किसान बोल रहे हैं..मवाली हैं वह लोग: लेखी
केंद्रीय मंत्री व नयी दिल्ली से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सांसद मीनाक्षी लेखी ने केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ राजधानी दिल्ली की विभिन्न सीमाओं सहित अन्य स्थानों पर आंदोलन कर रहे आंदोलनकारियों को किसान कहने पर आपत्ति जताई और बृहस्पतिवार को कहा कि ‘‘वह लोग मवाली हैं’’।
केंद्रीय मंत्री व नयी दिल्ली से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सांसद मीनाक्षी लेखी |
लेखी ने यह बात भाजपा मुख्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता के दौरान किसानों के आंदोलन से जुड़े सवालों के जवाब में कही।
दरअसल, नये कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए 200 किसानों के एक समूह ने मध्य दिल्ली के जंतर मंतर पर बृहस्पतिवार को ‘किसान संसद‘ शुरू की। इस दौरान एक समाचार चैनल के वीडियो पत्रकार के साथ कथित तौर पर ‘‘दुर्व्यवहार’’ का मामला सामने आया।
एक पत्रकार ने इसी घटना के संदर्भ में भाजपा की प्रतिक्रिया जानने के लिए लेखी से जब आंदोलनकारियों को किसान कहकर संबोधित करते हुए अपना सवाल पूछा तो इसके जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘फिर आप उन लोगों को किसान बोल रहे हैं..मवाली हैं वह लोग।’’
उन्होंने आगे कहा, ‘‘मीडिया पर हमला आपराधिक गतिविधि है.जो कुछ 26 जनवरी को हुआ वह भी शर्मनाक था। वह भी आपराधिक गतिविधियां थीं और विपक्ष द्वारा ऐसी चीजों को बढावा दिया गया।’’
इससे पहले, इसी प्रकरण से जुड़े एक अन्य सवाल पर भी आंदोलनकारियों को किसान कहने पर लेखी बिफर पड़ी।
उन्होंने कहा, ‘‘पहली बात उन लोगों को किसान कहना बंद कीजिए। क्योंकि वह किसान नहीं हैं। वह ‘षडयंत्रकारी’ लोगों के हत्थे चढे कुछ लोग हैं जो कि किसानों के नाम पर यह ‘हरकतें’ कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि किसानों के पास इतना समय नहीं है कि वह जंतर-मंतर पर आकर धरने पर बैठे।
उन्होंने कहा, ‘‘किसान अपने खेतों में काम कर रहा है। ये आढतियों द्वारा चढाए गए लोग हैं जो चाहते ही नहीं कि किसानों को किसी प्रकार का सीधा फायदा मिले।’’
मीडिया पर कथित हमले पर उन्होंने कहा, ‘‘किसी भी मीडिया को रोकने का प्रयास करना ही लोकतंत्र के खिलाफ है। यही लोग तो लोकतंत्र की दुहाई देते हैं।’’
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