मिशन 2024 पर फोकस
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी टीम में भारी फेरबदल का फैसला कर लिया है। इसका अनुमान वरिष्ठ मंत्री थावरचंद गहलोत को मंत्रिमंडल से हटाकर राज्यपाल नियुक्त करने से लगाया जा सकता है। कुछ और कैबिनेट मंत्रियों की छुट्टी होगी। संभवत: बुधवार को उनसे इस्तीफा ले लिया जाएगा।
मिशन 2024 पर फोकस |
बुधवार को ही नए मंत्रियों को शाम साढ़े पांच बजे राष्ट्रपति भवन में शपथ दिलाए जाने की संभावना है। मोदी की नजर 2024 के आम चुनाव पर है। मंत्रिमंडल में 15 से 20 नए चेहरे जुड़ने की संभावना है।
पिछले तीन दिनों से पीएम मोदी अपने मंत्रिमंडल फेरबदल को लेकर विभिन्न स्तरों पर बातचीत कर रहे हैं। उन्होंने अमित शाह से विचार-विमर्श किया। सोमवार सुबह थावरचंद गहलोत को बुलाकर उन्हें मंत्री पद छोड़ने और बदले में राज्यपाल का पद लेने को कहा गया था। एक कैबिनेट मंत्री को अपने कार्यालय नहीं आने को कहा गया है। शायद मंत्रिमंडल विस्तार से पहले उनका इस्तीफा हो जाएगा। ऐसे ही कुछ और मंत्री हैं, जिनका परफॉर्मेंस अच्छा नहीं है और जिनकी उम्र 60 साल से ऊपर है, उनको भी हटाया जा सकता है।
जदयू व लोजपा को भी मिलेगी जगह : बिहार से जदयू, लोजपा को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा। इसलिए संभावना है कि भाजपा के किसी सदस्य को मंत्रिमंडल में जगह न मिले। जदयू अपने सांसदों की संख्या के हिसाब से उचित प्रतिनिधित्व मांग रहा है। जदयू चार मंत्री पद मांग रहा है, जबकि भाजपा तीन पद देने को तैयार है। इसी तरह से लोजपा के टूटे हुए धड़े को एक मंत्री पद दिया जाएगा। हालांकि चिराग पासवान आपत्ति जता रहे हैं। उनका दावा है कि वह अभी भी लोजपा के अध्यक्ष हैं, लेकिन लोकसभा अध्यक्ष ने पशुपतिनाथ पारस को मान्यता दे दी है।
इस बार अन्नाद्रमुक के कोटे से भी किसी को मंत्री बनाया जाएगा। 2019 चुनाव जीतने के बाद भाजपा ने अन्नाद्रमुक को मंत्रिमंडल में शामिल करने का निर्णय लिया था, लेकिन तब उन्होंने मना कर दिया था। अब क्योंकि तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक की सरकार नहीं है, इसलिए हो सकता है कि केंद्र में शामिल हो। पश्चिम बंगाल से मंत्री परिषद में केवल एक ही व्यक्ति मंत्री है। पिछले विधानसभा चुनाव में कई नेताओं ने कड़ी मेहनत की है। कुछ सांसदों को विधानसभा का चुनाव लड़ाया गया था। संभावना है कि उन्हें मंत्रिमंडल में जगह दी जा सके। मध्य प्रदेश से ज्योतिरादित्य सिंधिया का मंत्री बनना तय है।
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