जम्मू में रत्नुचक-कालूचक मिलिट्री स्टेशन के पास दिखी ड्रोन गतिविधि, सुरक्षा बलों ने किया नाकाम
जम्मू में वायु सेना स्टेशन पर ड्रोन द्वारा दो बम गिराए जाने के ठीक एक दिन बाद आतंकियों ने एक बार फिर से ड्रोन के जरिए सैन्य ठिकाने को निशाना बनाने की कोशिश की है। हालांकि सेना के सतर्क जवानों ने ड्रोन गतिविधि को विफल कर दिया है।
जम्मू: मिलिट्री स्टेशन के पास दिखे ड्रोन (प्रतिकात्मक फोटो) |
सेना के सतर्क जवानों ने रत्नुचक-कालूचक स्टेशन के ऊपर उड़ रहे दो ड्रोन पर गोलीबारी कर सैन्य प्रतिष्ठान पर हमले की एक कोशिश को नाकाम कर दिया। यहां स्थित भारतीय वायुसेना स्टेशन (आईएएफ) में कल एक ड्रोन से दो बम गिराए जाने के एक दिन बाद यह घटना हुई है। यह इस तरह का पहला हमला था।
अधिकारियों ने बताया कि एक ड्रोन रविवार देर रात पौने 12 बजे और दूसरा ड्रोन दो बजकर 40 मिनट पर देखा गया। सैनिकों के गोलियां चलाने के बाद वे वहां से उड़ गए। साल 2002 में यहां आतंकवादी हमला हुआ था, जिसमें 10 बच्चों समेत 31 लोगों की मौत हुई थी।
अधिकारियों ने सोमवार को कहा कि सेना के सतर्क जवानों ने ब्रिगेड मुख्यालय के ऊपर उड़ रहे ड्रोन को मार गिराने के लिये लगभग दो राउंड गोलीबारी की।
जम्मू स्थित सेना के जनसम्पर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल देवेंद्र आनंद ने एक बयान में कहा, ‘‘ सतर्क सैनिकों ने रत्नुचक-कालूचक सैन्य क्षेत्र के ऊपर दो अलग-अलग ड्रोन गतिविधियों को देखा।‘‘ उन्होंने कहा कि तुरंत ही हाई अलर्ट जारी किया गया और त्वरित प्रतिक्रिया दल ने ड्रोन की ओर गोलीबारी की।
उन्होंने कहा, ‘‘दोनों ड्रोन वहां से भाग निकले। सैनिकों की सतर्कता और सक्रियता से एक बड़े खतरे को टाल दिया गया।’’ सुरक्षा बल अब भी सतर्क हैं और तलाशी अभियान जारी है।
अधिकारियों ने कहा कि सैन्य स्टेशन के बाहर के पूरे इलाके की तुरंत घेराबंदी कर दी गई और अंतिम रिपोर्ट मिलने तक बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान जारी था। अधिकारियों ने कहा कि जमीन पर अब तक कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला है।
कालूचक स्थित सैन्य स्टेशन 2002 के हमले के बाद से हाई अलर्ट पर है। उस हमले में तीन सैन्य कर्मियों, सैन्य परिवारों के 16 सदस्यों और 11 आम निवासियों समेत 31 लोगों की मौत हुई थी जबकि 48 लोग घायल हो गए थे।
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