CBSE ने सुप्रीम कोर्ट में पेश किया मूल्याकंन फॉर्मूला, 31 जुलाई तक जारी होगा रिजल्ट

Last Updated 17 Jun 2021 12:02:21 PM IST

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 12वीं कक्षा के लिए अंक यूनिट टेस्ट/मध्यावधि/प्री-बोर्ड परीक्षा पर आधारित होंगे और 40 फीसदी वेटेज दिया जाएगा। परिणाम 31 जुलाई तक घोषित होने की संभावना है।


सीबीएसई का प्रतिनिधित्व करने वाल अटॉर्नी जनरल के.के. वेणुगोपाल ने कोर्ट को बताया कि कक्षा 12 के व्यावहारिक / आंतरिक मूल्यांकन आदि के अंक वास्तविक आधार पर होंगे, जैसा कि स्कूल द्वारा सीबीएसई पोर्टल पर अपलोड किया गया था।

सीबीएसई ने सुप्रीम कोर्ट में अपने जवाब में कहा, "कक्षा 12 बोर्ड परीक्षाओं में स्कूल के पिछले प्रदर्शन के अनुरूप कुल अंक दिए जाने चाहिए।"

सीबीएसई ने सुप्रीम कोर्ट में कहा, "कक्षा 12 के लिए थ्योरी अंकों की गणना एक या एक से अधिक यूनिट टेस्ट / मिड-टर्म / प्री-बोर्ड (एस) थ्योरी परीक्षा में प्रदर्शन के आधार पर होगी। स्कूल की परिणाम समिति मूल्यांकन की विश्वसनीयता के आधार पर प्रत्येक परीक्षा के लिए तय कर सकती है कि कितना वेटेज दिया जाना है।। उदाहरण के लिए, यदि समिति का विचार हो सकता है कि केवल प्री-बोर्ड परीक्षाओं को ही ध्यान में रखा जाना है, तो उस भाग को पूरा भार दिया जा सकता है। इसी तरह, एक और स्कूल रिजल्ट कमेटी प्री-बोर्ड परीक्षा और मिड टर्म परीक्षाओं को समान वेटेज देने का फैसला कर सकती है।"

बोर्ड ने प्रस्तुत किया कि मूल्यांकन करते समय कक्षा 11 और कक्षा 10 की परीक्षा में छात्रों के प्रदर्शन को भी ध्यान में रखा जाएगा।

सीबीएसई ने कहा कि जहां 30 प्रतिशत अंक कक्षा 11 की अंतिम परीक्षा पर आधारित होंगे, वहीं मूल्यांकन करते समय कक्षा 10 के तीन सर्वश्रेष्ठ अंकों के आधार पर 30 प्रतिशत अंक भी शामिल किए जाएंगे। न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर मामले की सुनवाई कर रहे हैं।

सीबीएसई ने कहा कि प्रत्येक स्कूल में स्कूल के प्रिंसिपल के तहत एक परिणाम समिति बनाई जाएगी जिसमें एक ही स्कूल से दो वरिष्ठतम पीजीटी और पड़ोसी स्कूलों से दो पीजीटी शामिल होंगे।

समिति को नीति का पालन करते हुए परिणाम तैयार करने की छूट दी गई है।

गौरतलब है कि कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए इस वर्ष 10वीं की बोर्ड परीक्षाएं रद्द की जा चुकी हैं। वहीं 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा यह फैसला छात्रों एवं शिक्षकों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए लिया गया है।

इससे पहले सीबीएसई ने दसवीं बोर्ड के रिजल्ट के लिए अपने सभी स्कूलों को एक फार्मेट भेजा था। इस फार्मेट में स्कूल में हुए सालभर के प्रोजेक्ट वर्क, असाइनमेंट आदि की जानकारी मांगी गयी थी। इसके आधार पर ही अब फाइनल रिजल्ट तैयारी किया जाएगा।

भाषा
नई दिल्ली


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