डार्क वेब, क्रिप्टो करेंसी और ड्रोन देश के लिए बने चुनौती
डार्क वेब, क्रिप्टो करेंसी और ड्रोन देश के लिए चुनौती बने हुए हैं, और इनको लेकर सख्त कदम उठाने होंगे।
डार्क वेब, क्रिप्टो करेंसी और ड्रोन देश के लिए बने चुनौती |
नई दिल्ली में ‘मादक पदार्थों की तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा’ विषयक क्षेत्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि राष्ट्र मादक पदार्थ की तस्करी देश के अंदर या बाहर कतई नहीं होने देगा। कहा कि सरकार ने न केवल मादक पदार्थ के कई नेटवर्क को खत्म करने में सफलता पाई है, बल्कि उनसे जुड़े आतंकवाद को भी नेस्तानाबूद किया है।
जम्मू-कश्मीर, पंजाब, गुजरात और उत्तर प्रदेश में नार्को-आतंकवाद के कई मामलों का भंडाफोड़ किया गया है और ये बड़ी उपलब्धियां हैं। बेशक, केंद्र और राज्य सरकार की कानून प्रवर्तन एजेंसियां चाक-चौबंदी से नशे के काले का धंधे पर जोरदार प्रहार कर रही हैं, लेकिन यह भी सच है कि डार्क वेब, क्रिप्टोकरेंसी, ऑनलाइन मार्केटप्लेस, ड्रोन का इस्तेमाल आज भी हमारे लिए चुनौती बने हुए हैं।
डार्क वेब इंटरनेट के उस गुप्त हिस्से को संदर्भित करता है, जिस तक केवल विशेष सॉफ्टवेयर और टूल के जरिए ही पहुंचा जा सकता है। जहां तक क्रिप्टोकरेंसी की बात है, तो यह एक आभासी मुद्रा है, जो भारत में नियमित नहीं है। इसके जरिए लेन देन पर निगरानी रखने में एजेंसियों को खासी दिक्कत दरपेश रहती हैं।
अलबत्ता, ड्रोन के जरिए सीमा पार से भारतीय सीमा में नशीले पदार्थ में ड्रॉप किए जाने के तरीके पर खासी हद तक लगाम कसमें भारतीय सुरक्षा बल सफल हुए हैं। बहरहाल, नशीले पदार्थ की तस्करी संबंधी कार्यकलाप देश की सुरक्षा और विकास के लिए खासा खतरा हैं और राज्य सरकारों, केंद्र सरकार और तकनीशियनों को अपने संयुक्त प्रयासों से इन चुनौतियों से पार पाना होगा। इसके लिए तकनीकी सुरक्षा तंत्र को मजबूत किया जाना जरूरी है।
सबसे बड़ी बात तो यह है कि सरकार के स्तर पर इच्छाशक्ति होना बेहद जरूरी है। अच्छी बात है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में मादक पदार्थ के खिलाफ लड़ाई को नई ताकत मिली है। इसी का नतीजा है कि बीते दस वर्षो में मादक पदार्थ की जब्ती में सात गुना वृद्धि हुई है, और मोदी सरकार ने बारंबार संकल्प दोहराया है कि मादक पदार्थ के सूमचे तंत्र को उखाड़ फेंकेंगे।
इसके लिए 8 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में मादक पदार्थ के तस्करी पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। प्रयासों के नतीजाकुन होने के लिए जरूरी है कि नशामुक्त भारत अभियान में तेजी लाई जाए। नशे के व्यसन से मुक्त समाज ही सबसे बड़ा सुरक्षा उपाय है।
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