छह पारंपरिक पनडुब्बियां बनाएगा भारत

Last Updated 05 Jun 2021 10:04:34 AM IST

रक्षा मंत्रालय ने भारतीय नौसेना के लिए लगभग 43,000 करोड़ रुपये की लागत से छह पारंपरिक पनडुब्बियों के निर्माण को शुक्रवार को मंजूरी दे दी।


छह पारंपरिक पनडुब्बियां बनाएगा भारत

चीन की तेजी से बढ़ती नौसैन्य क्षमताओं के मद्देनजर भारत की क्षमताएं बढ़ाने के उद्देश्य से यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है।

आयात पर निर्भरता घटाने के लिए ये पनडुब्बियां उस रणनीतिक साझेदारी के तहत बनाई जाएंगी जो घरेलू रक्षा उपकरण निर्माताओं को विदेशों की रक्षा निर्माण क्षेत्र की अग्रणी कंपनियों के साथ साझेदारी में अत्याधुनिक सैन्य मंच बनाने की अनुमति देता है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के कार्यालय के मुताबिक रक्षा मंत्रालय ने करीब 6800 करोड़ रुपये की लागत से विभिन्न सैन्य हथियारों और उपकरणों की खरीद संबंधी प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी। रक्षा मंत्री की अध्यक्षता में रक्षा खरीद परिषद (डीएसी) की बैठक में ‘पी-75 इंडिया’ नाम की इस परियोजना को अनुमति देने का निर्णय लिया गया। डीएसी खरीद संबंधी निर्णय लेने वाली रक्षा मंत्रालय की सर्वोच्च इकाई है।

एक अन्य महत्वपूर्ण फैसले में डीएसी ने सशस्त्र बलों को दिए गए अधिकार के तहत तत्काल खरीद की समयसीमा 31 अगस्त, 2021 तक बढा दी, ताकि वे अपनी आपातकालीन खरीद को पूरा कर सकें। मंत्रालय ने नौसैन्य परियोजना के बारे में बताया, इस परियोजना में 43,000 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से अत्याधुनिक प्रणोदन पण्राली से युक्त छह पारंपरिक पनडुब्बियों का देश में निर्माण किया जाएगा। सूत्रों ने बताया, पनडुब्बियों के विनिर्देशों और महापरियोजना के लिए अनुरोध पत्र (रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल, आरएफपी) जारी करने, जैसे अन्य महत्वपूर्ण कायरें को रक्षा मंत्रालय और भारतीय नौसेना के अलग-अलग दलों ने पूरा कर लिया है। यह परियोजना 12 वर्ष की अवधि में लागू की जाएगी। डीएसी ने पोत निर्माता लार्सन एंड टूब्रो (एलएंडटी) और सरकारी मझगांव डॉक्स लिमिटेड (एमडीएल) के लिए आरएफपी या निविदा जारी करने की मंजूरी दी है।

 

एसएनबी
नई दिल्ली


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