आईटी नियमों के खिलाफ गूगल की याचिका पर केंद्र से जवाब तलब

Last Updated 02 Jun 2021 03:32:54 PM IST

गूगल एलएलसी ने बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ दिशानिर्देश और डिजिटल आचार संहिता)(आईटी नियम 2021) के तहत 'सोशल मीडिया इंटरमीडियरी' (एसएमआई) के रूप में अपनी घोषणा के खिलाफ अंतरिम संरक्षण की मांग की और दलील दी कि ये नियम इसके सर्च इंजन पर लागू नहीं होते हैं।


आईटी नियमों के खिलाफ गूगल की याचिका पर केंद्र से जवाब तलब

गूगूल ने अदालत के एकल न्यायाधीश की पीठ के आदेश को चुनौती दी, जिसने उसे एक सामग्री को आपत्तिजनक होने के कारण विश्व स्तर पर सामग्री को हटाने का निर्देश दिया, जिसे एक महिला याचिकाकर्ता द्वारा 'आपत्तिजनक' के रूप में चिह्न्ति किया गया था। याचिकाकर्ता ने दावा किया कि सामग्री फेसबुक और इंस्टाग्राम पर उसके सोशल मीडिया अकाउंट से ली गई थी और उसकी सहमति के बिना प्रसारित की गई थी। कोर्ट के आदेश के बावजूद वल्र्ड वाइड वेब से सामग्री को पूरी तरह से हटाया नहीं गया था। याचिका में उच्च न्यायालय से एकल न्यायाधीश के आदेश को रद्द करने का आग्रह किया गया।

मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने केंद्र, दिल्ली सरकार, फेसबुक, इंटरनेट सेवा प्रदाता संघ, अश्लील साइट और महिला को नोटिस जारी किया। हाईकोर्ट ने इस मामले में 25 जुलाई तक उनसे जवाब मांगा है।

20 अप्रैल के फैसले का हवाला देते हुए, गूगल ने तर्क दिया कि उसने अपने सर्च इंजन को 'सोशल मीडिया मध्यस्थ' या 'महत्वपूर्ण सोशल मीडिया मध्यस्थ' के रूप में गलत तरीके से पेश किया है, जो डिजिटल मीडिया के लिए नए नियमों के तहत प्रदान किया गया है।



गूगल ने कहा कि वह एकल न्यायाधीश द्वारा जारी कंबल, टेम्पलेट निर्देश से व्यथित है। सर्च इंजन दिग्गज ने आगे तर्क दिया कि न्यायाधीश ने आईटी अधिनियम के विभिन्न वर्गों और उसके तहत निर्धारित अलग-अलग नियमों को मिलाया और ऐसे सभी अपराधों और प्रावधानों को मिलाकर टेम्पलेट निर्देश पारित किए। हालांकि, उच्च न्यायालय ने कहा कि वह इस स्तर पर कोई अंतरिम आदेश पारित नहीं करेगा।

गूगल के एक प्रवक्ता ने आईएएनएस को बताया कि सर्च इंजन इंटरनेट पर उपलब्ध सामग्री और सूचनाओं का प्रतिबिंब होते हैं।

गूगल के एक प्रवक्ता ने आईएएनएस को बताया, "हालांकि हम खोज परिणामों से आपत्तिजनक सामग्री को हटाने के लिए एक सुसंगत नीति बनाए हुए हैं, दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश में कुछ ऐसी चीजें हैं, जो गलत तरीके से सर्च ईंजन को सोशल मीडिया मध्यस्थ के रूप में वर्गीकृत किया।"

कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, हमने आदेश के इस हिस्से के खिलाफ अपील दायर की है और हम गूगल खोज परिणामों से आपत्तिजनक सामग्री को हटाने के लिए उठाए गए कदमों की व्याख्या करने के लिए तत्पर हैं।"

आईएएनएस
नई दिल्ली


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