लाल किले पर हिंसा मामले के आरोपी सिधु की जमानत मंजूर

Last Updated 26 Apr 2021 06:14:26 PM IST

दिल्ली की एक अदालत ने पंजाबी अभिनेता एवं कार्यकर्ता दीप सिधु की 26 जनवरी को लाल किले को क्षति पहुंचाने एवं वहां हुडदंग करने के मामले में सोमवार को जमानत मंजूर कर ली।


लाल किले पर हिंसा मामले के आरोपी सिधु की जमानत मंजूर

यह मामला भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने दायर किया था।

मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट एम एम साहिल गुप्ता ने सिधु की 25 हजार रुपये के निजी बाँड और इतनी ही जमानती राशि पर जमानत मंजूर की।

अदालत ने कहा,‘‘ आरोपी से पहले ही पुलिस हिरासत में 14 दिनों तक पूछताछ की जा चुकी है और वह करीब 70 दिनों से हिरासत में है। अपर सत्र न्यायाधीश ऐसे ही तथ्यों पर आरोपी की

मानत मंजूर कर चुके हैं। उसे अब आजादी से और वंचित रखना न तो तार्किक है और न ही वैधानिक।’’

सिधु को गणतंत्र दिवस के मौके पर लाल किले पर किसानों के आंदोलन के दौरान हुई हिंसा के मामले में नौ फरवरी को गिरफ्तार किया गया था।

क्या हुआ था 26 जनवरी को

सिधु को 26 जनवरी को किसानों की तीन कृषि सुधार कानूनों के विरोध में किये जा रहे आंदोलन के तहत ट्रैक्टर रैली के दौरान कृषकों को भड़काने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

सोलह अप्रैल को सिधु की जमानत मंजूर होते ही उसे एएसआई की ओर से दर्ज करायी गयी प्राथमिकी के आधार पर फिर से गिरफ्तार कर लिया गया था।

दीप सिद्धू की पारिवारिक पृष्ठभूमि

दीप सिद्धू का पैतृक गाँव उदेकरण है, जो पंजाब के मुक्तसर साहिब ज़िले में पड़ता है।

बठिंडा में रहने वाले दीप के चाचा बिधि सिंह ने बीबीसी को बताया कि वे छह भाई थे और दीप के पिता सरदार सुरजीत सिंह पेशे से वकील थे।

उन्होंने कहा कि सुरजीत सिंह के तीन बेटे हैं, जिनमें से नवदीप सिंह इस समय कनाडा और मनदीप क़ानून की पढ़ाई कर रहे हैं. जबकि दीप दिल्ली में किसान आंदोलन में हैं।

दीप के चाचा बिधि सिंह के अनुसार उनका परिवार खेती करता है। लेकिन दीप के पिता एक वकील के रूप में लुधियाना में क़ानून का अभ्यास करते थे और लगभग तीन साल पहले उनकी मृत्यु हो गई थी।

दीप के बारे में बिधि सिंह ने कहा, "वो क़ानून की पढ़ाई करने के लिए महाराष्ट्र के पुणे गया था और उसके बाद वो मुंबई में बस गया और वहाँ पर ही उसने क़ानून का अभ्यास शुरू कर दिया।"

बिधि सिंह ने कहा कि दीप मुंबई में अच्छी तरह से बस गया था।

उन्होंने कहा कि पहले दीप ने बालाजी फ़िल्म्स के लिए वकील के रूप में काम किया. धीरे-धीरे वह देओल परिवार के क़रीब हो गया और यहीं से उन्होंने फ़िल्मी दुनिया में प्रवेश किया।

दीप शादीशुदा हैं और उनकी एक बेटी है।

बिधि सिंह के अनुसार, देओल परिवार से निकटता के कारण ही जब सनी देओल ने गुरदासपुर से लोकसभा का चुनाव लड़ा, तो दीप सिद्धू ने उनका पूरा साथ दिया।

दीप सिद्धू का फ़िल्मी सफ़र

साल 2017 में गीतकार से फ़िल्मकार बने अमरदीप सिंह गिल की फ़िल्म 'ज़ोरा 10 नंबरिया' में ज़ोरा के किरदार ने पंजाबियों को दीप सिद्धू से परिचित कराया।

उसी समय, उन्होंने पंजाबी फ़िल्म इंडस्ट्री में प्रवेश किया।

दीप ने मुंबई में एक मॉडल के रूप में कई फ़ैशन-शोज़ में हिस्सा लिया और अंत में मॉडल से अभिनय की ओर बढ़ने की तैयारी शुरू कर दी।

देओल परिवार के घरेलू बैनर 'विजेता फ़िल्म्स' के तहत, दीप ने 2015 में हीरो के रूप में अपनी पहली पंजाबी फ़िल्म 'रमता जोगी' में काम किया।

फ़िल्म का निर्देशन गुड्डू धनोआ ने किया था, जिन्होंने सनी देओल की कई फ़िल्मों का निर्देशन किया है. हालांकि, यह फ़िल्म दीप को सुर्खियों में नहीं ला पाई।

इसके बाद वर्ष 2019 में, वे वरिष्ठ पंजाबी अभिनेता गुगू गिल के साथ फ़िल्म 'साडे आले' में दिखाई दिए।

साल 2020 में, अमरदीप सिंह गिल के निर्देशन में 'ज़ोरा' का दूसरा भाग 'ज़ोरा, सैकैंड चैप्टर' रिलीज़ हुआ, जिसमें धर्मेंद्र पहले की तरह दीप सिद्धू के साथ थे और उनके अलावा, गुगु गिल भी थे।

ज़ोरा नामक दोनों फ़िल्मों में अब तक, दीप सिद्धू एक गैंगस्टर की भूमिका में दिखाई दिए हैं।

 

वार्ता/एजेंसियां
नयी दिल्ली


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