देश के कोविड-19 की मौजूदा लहर से जूझने के बीच, सुप्रीम कोर्ट ने गंभीर स्थिति का बृहस्पतिवार को स्वत: संज्ञान लिया और कहा कि वह ऑक्सीजन की आपूर्ति तथा कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए आवश्यक दवाओं समेत अन्य मुद्दों पर 'राष्ट्रीय योजना' चाहता है।
|
भारत ने 3.14 लाख कोविड के मामले दर्ज किए और एक दिन में 2,104 से अधिक लोगों की मौत हुई, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने कोविड प्रबंधन का संज्ञान लिया और ऑक्सीजन की आपूर्ति, आवश्यक दवाओं की आपूर्ति और विधि और टीकारण को लेकर केंद्र से राष्ट्रीय योजना के बारे में पूछा है। मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, "हम इस मुद्दे पर एक राष्ट्रीय योजना देखना चाहते हैं।" पीठ ने मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे को एमिकस क्यूरी भी नियुक्त किया।
पीठ ने कहा, "हम चार मुद्दों के संबंध में जानना चाहते हैं ऑक्सीजन की आपूर्ति, आवश्यक दवाओं की आपूर्ति, टीकाकरण का तरीका, विधि और हम राज्यों के साथ लॉकडाउन की घोषणा करने की शक्ति रखना चाहते हैं।"
शीर्ष अदालत ने कोविड प्रबंधन का संज्ञान लिया। देश भर में उच्च न्यायालय ऑक्सीजन आपूर्ति के संकट, अस्पतालों में बेड और अस्पतालों में दवाओं की कमी दूर करने की याचिका पर सुनवाई कर रहे हैं।
पीठ ने कहा कि छह उच्च न्यायालय, दिल्ली, बॉम्बे, सिक्किम, मध्य प्रदेश, कलकत्ता और इलाहाबाद कोविड प्रबंधन से संबंधित मुद्दों से निपट रहे थे और यह भ्रम पैदा कर रहा था। अदालत ने कहा, "हम एक अदालत के रूप में कुछ मुद्दों पर आत्म-प्रेरणा संज्ञान लेना चाहते हैं। उच्च न्यायालय सर्वश्रेष्ठ हित में अधिकार क्षेत्र का उपयोग कर रहे हैं। लेकिन यह संसाधनों का भ्रम और विचलन पैदा कर रहा है।"
शीर्ष अदालत ने केंद्र को एक राष्ट्रीय योजना पेश करने के लिए भी कहा। इस मामले को शुक्रवार को सुनवाई के लिए निर्धारित किया गया है।
दिल्ली उच्च न्यायालय शहर के विभिन्न अस्पतालों के लिए ऑक्सीजन और अन्य संसाधनों के लिए आपातकालीन अनुरोधों से जुड़े मामलों की सुनवाई कर रहा है।
हाईकोर्ट ने बुधवार को कहा कि सरकार जमीनी वास्तविकता से बेखबर है। ऑक्सीजन न होने के कारण लोग मर सकते हैं। आप मनोरंजक समय व्यतीत कर रहें है और लोग मर रहे हैं।
| | |
|