लॉकडाउन अंतिम विकल्प : मोदी
प्रधानमंत्री नरैन्द्र मोदी ने लॉकडाउन की अटकलों को विराम देते हुए कहा कि कंटेनमेंट जोन बनाकर कोरोना के विरु द्ध लड़ाई जीतनी है। लॉकडाउन करना अंतिम विकल्प माना जाए, देश को इससे बचाना है।
प्रधानमंत्री नरैन्द्र मोदी |
प्रधानमंत्री नरैन्द्र मोदी ने प्रवासी मजदूरों को विश्वास दिलाया कि जो जहां है वहीं रहे। किसी का भी कामकाज बंद नहीं किया जाएगा और उन्हें कोविड को टीका भी सुनिश्चित किया जाएगा।
कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच देश के नाम अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा, कोरोना के खिलाफ देश आज फिर बहुत बड़ी लड़ाई लड़ रहा है। कुछ सप्ताह पहले तक स्थितियां संभली हुई थीं। फिर ये कोरोना की दूसरी लहर तूफान बनकर आ गई। जो पीड़ा आपने सही है, जो पीड़ा आप सह रहे हैं, उसका मुझे अहसास है। उन्होंने राज्यों से अनुरोध किया कि वे लॉकडाउन को अंतिम विकल्प मानें और माइक्रो कंटेनमेंट जोन पर ज्यादा फोकस करें। उन्होंने कहा, हमारा प्रयास है कि आर्थिक गतिविधियां और आजीविका कम से कम प्रभावित हों। इसके लिए कामगारों का तेजी से टीकाकरण किया जाए। राज्यों को श्रमिकों के बीच यह भरोसा जगाना होगा कि वे जहां हैं, वहीं रहें। उन्हें टीका भी लगाया जाएगा और काम-धंधा भी बंद नहीं होगा।
प्रधानमंत्री ने देशवासियों को विास दिलाया कि समाज में धैर्य, अनुशासन एवं तैयारी के साथ इस तूफान को भी परास्त कर पाएंगे। प्रधानमंत्री ने कहा, जिन लोगों ने बीते दिनो में अपनो को खोया है, मैं सभी देशवासियों की तरफ से उनके प्रति संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। परिवार के एक सदस्य के रूप में, मैं आपके दु:ख में शामिल हूं। चुनौती बड़ी है लेकिन हमें मिलकर अपने संकल्प, हौसले और तैयारी के साथ इसको पार करना है। उन्होंने कहा, टीका लगने के बाद भी ‘दवाई भी और कड़ाई भी’ का अनुपालन जरूरी है।
ऑक्सीजन की मांग पूरी करने के लिए हो रहा काम : उन्होंने कहा, इस बार कोरोना संकट में देश के अनेक हिस्से में ऑक्सीजन की डिमांड बहुत ज्यादा बढ़ी है। इस विषय पर तेजी से और पूरी संवेदनशीलता के साथ काम किया जा रहा है। आने वाले दिनों में इसका असर दिखाई देगा। केंद्र सरकार, राज्य सरकारें, प्राइवेट सेक्टर, सभी की पूरी कोशिश है कि हर जरूरतमंद को ऑक्सीजन मिले। ऑक्सीजन प्रॉडक्शन और सप्लाई को बढ़ाने के लिए भी कई स्तरों पर उपाय किए जा रहे हैं। राज्यों में नए ऑक्सीजन प्लांट्स हों, एक लाख नए सिलेंडर पहुंचाने हों, औद्योगिक इकाइयों में इस्तेमाल हो रही ऑक्सीजन का मेडिकल इस्तेमाल हो, ऑक्सीजन रेल हो, हर प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा, हमारे वैज्ञानिकों ने कम समय में देशवासियों के लिए वैक्सीन विकसित की हैं। आज दुनिया की सबसे सस्ती वैक्सीन भारत में है। भारत की कोल्ड चेन व्यवस्था के अनुकूल वैक्सीन हमारे पास है।
जरूरतमंद लोगों तक वैक्सीन पहुंचे : प्रधानमंत्री ने कहा, दुनिया में सबसे तेजी से भारत में पहले 10 करोड़, फिर 11 करोड़ और अब 12 करोड़ वैक्सीन के टीके दिए गए हैं। उन्होंने कहा, कल ही वैक्सीनेशन को लेकर एक और अहम फैसला लिया गया है। एक मई के बाद से 18 वर्ष के ऊपर के किसी भी व्यक्ति को वैक्सीनेट किया जा सकेगा। अब भारत में जो वैक्सीन बनेगी, उसका आधा हिस्सा सीधे राज्यों और अस्पतालों को भी मिलेगा। उन्होंने कहा, 45 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के लिए टीकाकरण का कार्यक्रम पूर्ववत चलता रहेगा। गरीब, निम्न मध्यम वर्ग और मध्यम वर्ग के लिए निशुल्क टीका लगता रहेगा। प्रयास है कि लोगों का जीवन बच जाए।
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