‘‘महत्वहीन अंतरराष्ट्रीय प्रशंसा बटोरने‘‘ से पहले भारतीय जनता के टीकाकरण को प्राथमिकता दे मोदी सरकार : चढ्ढा
आम आदमी पार्टी (आप) के नेता राघव चड्ढा ने देश में सभी को कोविड-19 रोधी टीका लगाए जाने और टीकाकरण में देशवासियों को प्राथमिकता दिए जाने को समय की जरूरत बताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर कहा कि टीकों की उपलब्धता के मामले में ‘पहले-भारत‘ की ठोस नीति अपनाई जानी चाहिये और दूसरे देशों को टीकों का निर्यात करने के बजाय अपने देश के नागरिकों की जरूरतों को प्राथमिकता दी जानी चाहिये।
आम आदमी पार्टी (आप) के नेता राघव चड्ढा व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी |
आप नेता ने पत्र में कहा कि केन्द्र सरकार ने 84 देशों को टीकों की छह करोड़ 40 लाख से अधिक खुराक देने का फैसला किया, जबकि देश के नागरिक ऐसा टीकाकरण केन्द्र शिद्दत से खोज रहे हैं, जो अब भी खुला हो।
चड्ढा ने कहा, ‘‘मैं भारत सरकार से पूछना चाहता हूं कि उसकी प्राथमिकता दिल्ली की जनता है या डोमिनिकन गणराज्य की? उसकी प्राथमिकता महाराष्ट्र की जनता है या मॉरिशस की? उसकी प्राथमिकता बंगाल की जनता है या बांग्लादेश की? उसकी प्राथमिकता गुजरात की जनता है या गुयाना की? उसकी प्राथमिकता ओडिशा की जनता है या ओमान की?
उसकी प्राथमिकता उत्तर प्रदेश की जनता है या ब्रिटेन की? उसकी प्राथमिकता केरल की जनता है या केन्या की?‘‘
उन्होंने सरकार से ‘‘महत्वहीन अंतरराष्ट्रीय प्रशंसा बटोरने‘‘ से पहले भारत की समस्त 135 करोड़ आबादी के टीकाकरण को प्राथमिकता देने का अनुरोध किया।
चड्ढा ने कहा, ‘‘मैं भारत सरकार से महत्वहीन अंतरराष्ट्रीय प्रशंसा हासिल करने से पहले टीकाकरण में राष्ट्रवाद को अपनाने और भारत के समस्त 135 करोड़ लोगों को टीकाकरण में प्राथमिकता देने का अनुरोध करता हूं। टीके की खुराकों को दूसरे देशों में भेजकर टीकाकरण केन्द्रों को बंद मत होने दीजिये।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ये खबरें और भी चिंताजनक हैं कि भारत सरकार आने वाले दिनों में टीकों की लगभग साढे चार करोड़ खुराक पाकिस्तान को निर्यात करेगी। एक ओर भारत सरकार का दावा है कि पाकिस्तान भारत में केवल आतंकवाद निर्यात करता है, दूसरी ओर हम पाकिस्तान को जीवन रक्षक टीके निर्यात कर रहे हैं।‘‘
उन्होंने कहा, ‘‘टीकाकरण में पहले भारत की ठोस नीति का पालन किया जाना चाहिये। दूसरे देशों को निर्यात करने से पहले देशवासियों की टीके लगाए जाने चाहिये। जब हजारों भारतीय मर रहे हों तो सरकार को खुराकों का निर्यात नहीं करना चाहिए।’’
| Tweet |