सरकार ने अधिकरण सुधार अध्यादेश किया जारी
सरकार ने फिल्म निर्माताओं की अपीलों की सुनवाई के लिए गठित फिल्म प्रमाणन अपीलीय न्यायाधिकरण (एफसीएटी) समेत कुछ अपीलीय अधिकरणों को समाप्त करने और उनकी जिम्मेदारियों को अन्य मौजूदा न्यायिक संस्थाओं को हस्तांतरित करने संबंधी एक अध्यादेश जारी किया है।
सरकार ने अधिकरण सुधार अध्यादेश किया जारी |
विधि एवं न्याय मंत्रालय ने अधिकरण सुधार (सुव्यवस्थीकरण और सेवा शर्तें) अध्यादेश, 2021 जारी किया, जिसे रविवार को अधिसूचित किया गया था। इसके तहत चलचित्र अधिनियम, प्रतिलिप्यधिकार (कॉपी राइट) अधिनियम, सीमा शुल्क अधिनियम, पेटेंट अधिनियम, भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण अधिनियम, व्यापार चिह्न अधिनियम, माल का भौगोलिक उपदर्शन (पंजीकरण और संरक्षण) अधिनियम, पौधों की किस्म एवं कृषक अधिकार संरक्षण अधिनियम, राष्ट्रीय राजमार्ग नियंत्रण (भूमि एवं यातायात) अधिनियम और वित्त अधिनियम में संशोधन किए गए हैं।
चलचित्र अधिनियम में अब अपीलीय संस्था उच्च न्यायालय होगा।
एफसीएटी एक वैधानिक निकाय था, जिसे केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) से असंतुष्ट फिल्म निर्माताओं की अपील सुनने के लिए गठित किया गया था।
सरकार ने उन कुछ अधिकरणों को समाप्त करने के लिए फरवरी में विधेयक पेश किया था, जिनमें मुख्य रूप से आम जनता वादी नहीं हैं।
इस विधेयक को वित्त राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने लोकसभा में पेश किया था।
विधेयक के उद्देश्य एवं कारणों में कहा गया था कि कुछ अधिकरणों को समाप्त करने और वाणिज्यिक अदालत या उच्च न्यायालय में सीधे अपील दायर करने की व्यवस्था के लिए अधिकरण सुधार (सुव्यवस्थीकरण और सेवा शर्तें) अध्यादेश, 2021 लागू करने के उद्देश्य से यह प्रस्ताव रखा जाता है।
इस विधेयक को संसदीय मंजूरी नहीं मिली थी, इसलिए अध्यादेश जारी किया गया।
भारत सरकार ने अधिकरणों के सुव्यवस्थीकरण की प्रक्रिया 2015 में शुरू की थी। वित्त विधेयक, 2017 के जरिए सात अधिकरण समाप्त किए गए थे या उनका विलय गया था और उनकी कुल संख्या 26 से घटाकर 19 कर दी गई थी।
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