सारदा मामले में टीएमसी नेताओं की संपत्ति कुर्क
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को कहा कि उसने सारदा वित्तीय घोटाले में धनशोधन मामले में तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष, पार्टी की सांसद शताब्दी रॉय और देबजानी मुखर्जी की तीन करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क की है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) |
केंद्रीय एजेंसी ने कहा कि पीएमएलए के तहत चल एवं अचल संपत्ति को कुर्क करने का अस्थायी आदेश जारी किया गया है। इसने एक बयान में कहा कि सारदा वित्तीय घोटाले के सिलसिले में ‘तृणमूल कांग्रेस से राज्यसभा के पूर्व सदस्य कुणाल घोष (मीडिया समूह सारदा के सीईओ), टीएमसी की लोकसभा सांसद शताब्दी रॉय (सारदा में ब्रांड एंबेसडर) और सारदा कंपनी समूह में निदेशक देबजानी मुखर्जी’ की संपत्ति कुर्क की गई है। इस मामले में अभी तक 600 करोड़ रुपए मूल्य की संपत्तियां कुर्क की जा चुकी हैं।
यूनिटेक समूह की 197 करोड़ की संपत्ति जब्त : मनी लान्ड्रिंग की जांच के सिलसिले में यूनिटेक समूह पर अपना शिंकजा कसते हुए, प्रवर्तन निदेशालय ने शनिवार को कहा कि उसने कंपनी की 197 करोड़ रुपए मूल्य की 10 संपत्तियों को कुर्क किया है, जिसमें कनरेस्टी ग्रुप के अलप्पुझा और गंगटोक में दो रिसॉर्ट शामिल हैं।
ईडी के एक अधिकारी ने कहा कि एजेंसी ने 10 अचल संपत्तियों को जब्त किया है, जिसमें गंगटोक और अलप्पुझा, कार्यालय परिसर, यूनिटेक समूह मामले में भूमि के टुकड़े शामिल हैं। अधिकारी ने कहा कि इन अचल संपत्तियों का पंजीकृत मूल्य 197.34 करोड़ रुपए है, जिसका स्वामित्व कनरेस्टी समूह की विभिन्न संस्थाओं के पास है। ईडी की कार्रवाई ऐसे समय सामने आई है, जब एजेंसी ने गुरुग्राम में बेनामी संपत्ति के जरिए इकट्ठा की गई यूनिटेक ग्रुप के प्रमोटरों की 12 संपत्तियों को जब्त किया है। इन संपत्तियों की कीमत 152.48 करोड़ रुपए है। ईडी इस मामले में कंपनी की अबतक 349.82 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर चुका है।
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