किसानों और सरकार के बीच 11वें दौर की बैठक शुरू, कानून के खात्मे पर अड़े किसान नेता
दिल्ली के विज्ञान भवन में शुक्रवार को किसानों और सरकार के बीच 11वें दौर की मीटिंग शुरू हो गई। सरकार को उम्मीद है कि इस बैठक से कुछ न कुछ हल जरूर निकलेगा।
किसानों और सरकार के बीच 11वें दौर की बैठक शुरू |
केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों को लेकर करीब दो महीने से किसानों और सरकार के बीच जारी गतिरोध को खत्म करने के लिए शुक्रवार को तीन केन्द्रीय मंत्रियों ने किसान समूहों के प्रतिनिधियों के साथ 11वें दौर की वार्ता शुरू की।
पिछले चरण की वार्ता बुधवार को हुई थी, जिसमें केंद्र ने तीनों कानूनों के क्रियान्वयन को 12 से 18 महीने तक निलंबित करने तथा मुद्दों के समाधान के लिए संयुक्त समिति बनाने का प्रस्ताव दिया था। हालांकि बृहस्पतिवार को किसान संघों ने सरकार के प्रस्ताव को ठुकरा दिया और अपनी दो मांगों पर अड़े रहे- पहली तो यह कि तीनों कानूनों को वापस लिया जाए और दूसरी यह कि न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी दी जाए।
किसान समूहों ने कहा कि वे प्रदर्शन जारी रखेंगे और गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली भी निकालेंगे।
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेल मंत्री पीयूष गोयल, केंद्रीय राज्य मंत्री सोम प्रकाश की मौजूदगी में दोपहर 12.55 बजे से मीटिंग शुरू हुई। किसानों की ओर से 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड के ऐलान के मद्देनजर 22 जनवरी को हो रही यह मीटिंग बेहद खास है। पिछली मीटिंग में सरकार की तरफ से डेढ़ साल तक कृषि कानूनों को होल्ड करने का दिया गया ऑफर किसान ठुकरा चुके हैं।
10 दौर की मीटिंग में कोई सफलता न मिलने के बावजूद दोनों तरफ से बातचीत की पहल जारी रहने को सरकार और किसान दोनों पक्ष अपने लिए सकारात्मक मानते हैं।
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