दशकों बाद कश्मीर में पड़ी भीषण ठंड, पारा शून्य से 7.6 डिग्री नीचे
कश्मीर अभी भयंकर शीतलहर की चपेट में है, जबकि पूरी घाटी में पारा शुक्रवार को शून्य से कई डिग्री नीचे गिर गया, जिससे डल झील सहित कई जलाशयों में पानी जम गया।
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जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख में चल रही बफीर्ली हवाओं और भीषण ठंड ने यहां के निवासियों को शुक्रवार सुबह घर के अंदर रहने को मजबूर कर दिया। घाटी के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले स्थानीय लोगों ने इस भीषण ठंड के दौरान अनियमित बिजली की आपूर्ति के अलावा पानी के पाइप फटने, सड़कों और गलियों के बेहद फिसलन भरे होने की शिकायत की।
जल स्त्रोतों पर बर्फ की सतहें जमी हुई हैं, वहीं स्थानीय लोग और पर्यटक श्रीनगर में डल झील की जमी हुई सतह पर घूमने का आनंद ले रहे हैं। हालांकि जलस्त्रोतों पर जमी बर्फ पर घूमने वाले लोगों के लिए अधिकारियों ने चेतावनी जारी की है और इससे उनके जीवन को खतरा बताया है।
श्रीनगर में जिला के अधिकारियों ने कहा, "जमे हुए पानी की परत पर चारों ओर घूमने वाले किसी भी व्यक्ति के वजन से उसमें दरार आ सकती है।"
मौसम विभाग के अधिकारियों ने बताया कि श्रीनगर में न्यूनतम तापमान शून्य से 7.6 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया, जो इस साल इस मौसम के सामान्य न्यूनतम तापमान से पांच डिग्री कम है। स्थानीय रूप से 'चिल्लई कलां' के नाम से प्रचलित 40 दिनों की कठोर सर्दियों की अवधि 31 जनवरी को समाप्त होगी।
सर्दी के इस मौसम में कश्मीर में न्यूनतम तापमान में रिकॉर्ड गिरावट दर्ज की गई है। आज सुबह शहर के कई हिस्सों में घना कोहरा भी छाया रहा।
श्रीनगर में गुरुवार को न्यूनतम तापमान शून्य से 8.4 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया, जो 1995 में दर्ज किए गए शून्य से 8.3 डिग्री तापमान से अधिक है।
श्रीनगर में शुक्रवार को न्यूनतम तापमान माइनस 7.6, पहलगाम में माइनस 8.6 और गुलमर्ग में माइनस 5.5 डिग्री दर्ज किया गया।
वहीं लेह शहर में माइनस 12, कारगिल माइनस 17.6 और द्रास माइनस 25.3 न्यूनतम तापमान रहा।
द्रास में गुरुवार का अधिकतम तापमान माइनस 9.5 था।
जम्मू शहर में 7.1, कटरा में 6.7, बटोटे 6.6, बनिहाल में 5.8 और भद्रवाह में रात के दौरान न्यूनतम तापमान 2.5 था।
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