मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में PM मोदी बोले- वैक्सीन पर अफवाहों को फैलने से रोकें

Last Updated 11 Jan 2021 05:58:26 PM IST

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ कोविड-19 की वर्तमान स्थिति तथा 16 जनवरी से देशभर में आरंभ हो रहे टीकाकरण अभियान की तैयारियों की समीक्षा की।


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को देशभर के सभी मुख्यमंत्रियों को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना वैक्सीन को लेकर अफवाह न फैलने दें।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आशंका जताई कि देश और दुनिया के शरारती तत्व भारत में चलने जा रहे इस बड़े टीकाकरण अभियान में अफवाहों के जरिए रुकावट डालने की कोशिश कर सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से आयोजित बैठक में मुख्यमंत्रियों से कहा, "ये हम सभी के लिए गौरव की बात है कि जिन दो वैक्सीन को इमरजेंसी यूज का ऑथराइजेशन दिया गया है, वो दोनों ही मेड इन इंडिया हैं। राज्य और केंद्र शासित प्रदेश को ये सुनिश्चित करना होगा कि अफवाहों, वैक्सीन से जुड़े अप्रचार को कोई हवा न मिले।"

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि देश में तैयार दोनों टीके किफायती हैं और देशवासियों को प्रभावी वैक्सीन देने के लिए वैज्ञानिक समुदाय ने सभी सावधानियां बरती हैं। उन्होंने कहा कि देश अब कोरोना के खिलाफ जंग के निर्णायक चरण में प्रवेश कर रहा है।

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि केंद्र और राज्यों के बीच संवाद और सहयोग ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है और यह सहकारी संघवाद का बेहतरीन उदाहरण है।

उन्होंने कहा, ‘‘अब हमारा देश कोरोना के खिलाफ लड़ाई के निर्णायक चरण में प्रवेश कर रहा है। 16 जनवरी से टीकाकरण अभियान की शुरुआत हो रही है। जिन दो टीकों के आपात इस्तेमाल के लिए अनुमति मिली है, वह दोनों ही मेड इन इंडिया हैं।’’

उन्होंने कहा कि भारत में अगले कुछ महीनों में 30 करोड़ लोगों को वैक्सीन मिलेगा और टीकाकरण के लिए राज्यों के साथ सलाह के बाद प्राथमिकताएं भी तय कर दी गई हैं। उन्होंने कहा कि सबसे पहले कोरोना योद्धाओं का टीकाकरण होगा और उसके बाद अग्रिम मोर्चों पर काम करने वाले कर्मियों को कोरोना का टीका लगेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इतने बड़े देश में लगभग सभी जिलों में टीकाकरण का पूर्वाभ्यास किया गया, वह देश की क्षमता को दिखाता है।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत में पहले से भी यूनिवर्सल इम्यूनाइजेशन प्रोग्राम चल रहे हैं उन अनुभवों को इस टीकाकरण अभियान के साथ जोड़ा गया है। चुनाव में जिस तरह बूथ स्तर की रणनीति हमने बनाई है, उसका अनुभव यहां भी काम आएगा।’’

उन्होंने कहा कि कुछ देशों द्वारा टीकाकरण शुरू कर दिए जाने के बाद यह सवाल उठाए गए कि भारत में क्यों देरी हो रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने तब भी कहा था कि साइंटिफिक कम्युनिटी के सलाह से हम काम करेंगे। हमारे दोनों वैक्सीन कॉस्ट इफेक्टिव हैं, यह वैक्सीन भारत की परिस्थितियों को देखते हुए निर्मित की गई हैं। देशवासियों को प्रभावी वैक्सीन देने के लिए हमारे वैज्ञानिक समुदाय ने सभी सावधानियां बरती हैं।’’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "दुनिया के 50 देशों में तीन-चार सप्ताह से वैक्सीनेशन का काम चल रहा है, लेकिन अब भी करीब-करीब 2.5 करोड़ वैक्सीन हो पाई हैं। अब भारत में हमे अगले कुछ महीनों में लगभग 30 करोड़ आबादी के टीकाकरण का लक्ष्य हासिल करना है।"

हाल ही में भारत के औषधि नियामक से स्वदेश में विकसित टीके को देश में सीमित आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिलने के बाद यह प्रधानमंत्री का सभी मुख्यमंत्रियों के साथ पहला संवाद था।

कोरोना संक्रमण काल के दौरान प्रधानमंत्री ने कई मौकों पर मुख्यमंत्रियों से वार्ता की थी।

भारत में कोरोना के टीकाकरण को लेकर व्यापक अभियान की तैयार चल रही है। इस सिलसिले में शुक्रवार को देश भर में पूर्वाभ्यास भी किया गया था।

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित ऑक्सफोर्ड के कोविड-19 टीके ‘कोविशील्ड’ और भारत बायोटेक के स्वदेश में विकसित टीके ‘कोवैक्सीन’ को देश में सीमित आपात इस्तेमाल के लिये रविवार को भारत के औषधि नियामक की ओर से मंजूरी दी गई थी।

भाषा/आईएएनएस
नयी दिल्ली


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