वार्ता के लिए सरकार ने और संशोधन का प्रस्ताव दिया, किसानों ने कहा ठोस प्रस्ताव मिलने पर ही आएंगे
प्रदर्शनकारी किसानों और सरकार के बीच गतिरोध कायम है। सरकार ने प्रदर्शनकारी किसान संगठनों को वार्ता के लिए कृषि कानूनों में और सुधार( संशोधन) का प्रस्ताव दिया था, जिसे उन्होंने यह कहकर अस्वीकार कर दिया है कि उन्हें इस बार लिखित में ठोस प्रस्ताव चाहिए।
नई दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर बुधवार को हवन करते आंदोलनकारी किसान। |
किसान संगठनों ने कहा कि सरकार अभी भी संशोधनों पर ही अटकी है जबकि हमारी मांग कृषि कानून रद्द कराने की है।
उन्होंने कहा कि हम सरकार को बार-बार बता चुके हैं कि संशोधन से हमारा मकसद पूरा नहीं होता। किसान संगठनों ने सरकार को कहा कि वार्ता से नतीजा हासिल करने के लिए सरकार को अनुकूल माहौल बनाना चाहिए। जब उनसे पूछा गया कि अनुकूल माहौल कैसे बनेगा तो उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी सरकार को अभी इन कानूनों को स्थगित करने के लिए कहा है। सरकार के पुराने प्रस्ताव को खारिज करने की वजह पूछे जाने पर प्रमुख किसान नेताओं ने कहा कि इसमें तो एमएसपी के कानून की भी कोई बात नहीं है। किसान नेता शिवकुमार कक्का जी ने कहा कि सरकार को अड़ियल रुख त्यागकर किसानों की मांगें मान लेनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि यह बात गृह मंत्री को भी बताई गई थी कि प्रदर्शनकारी किसान संशोधनों को स्वीकार नहीं करेंगे। इससे पहले कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसान हमारे प्रस्ताव में जो भी बदलाव चाहते हैं, वो बता दें सरकार उनकी सुविधा और समय से वार्ता के लिए तैयार है। इसका किसान संगठनों पर कोई असर नहीं हुआ। उन्होंने यह जरूर कहा कि वह सरकार के बुलाने पर हर बार वार्ता के लिए गए हैं,और ठोस प्रस्ताव मिलने पर वह आगे भी वार्ता करेंगे।
तृणमूल सांसद किसानों से फिर मिले : तृणमूल कांग्रेस के पांच सांसद बुधवार को भी सिंघु बॉर्डर पर किसानों से जाकर मिले। इनमें डेरेक ओब्रायन, शताब्दी रॉय, प्रसून बनर्जी, प्रतिमा मंडल और नदीमुख हक शामिल थे। उन्होंने कहा कि वह ममता बनर्जी के निर्देश पर यहां आए हैं।
कृषि कानून के समर्थन में तीन लाख से ज्यादा किसानों के हस्ताक्षर
कृषि कानूनों के समर्थन में 313000 किसानों के हस्ताक्षर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को सौंपे गए हैं। कंफिडशेन ऑफ एनजीओस ऑफ रूरल इंडिया (सीएनआरआई) राष्ट्रीय प्रतिनिधि मंडल ने कृषि मंत्री से इसके लिए मुलाकात की थी। जिसने 20 राज्यों में किसानों के बीच अभियान चलाया था। इसमें हरियाणा के 127653, पंजाब के 12895,मध्य प्रदेश के 1934,,आंध्र प्रदेश के 23689,असम के 1256,कर्नाटक के 5467, राजस्थान के 7162 किसानों ने हस्ताक्षर किए हैं।
कृषि मंत्री बोले, किसान आएं हर मुद्दे का समाधान किया जाएगा
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार किसानों के मुद्दों का समाधान करने के प्रति संवेदनशील है। उन्होंने कहा कि किसान वार्ता के लिए आएंगे तो उन्हें उम्मीद है कि सभी मुद्दे सुलझ जाएंगे। उन्होंने बताया कि 25 दिसम्बर को अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन के दिन 9 करोड़ किसानों के खाते में किसान सम्मान निधि के तौर पर 18000 करोड़ रुपए की राशि हस्तांतरित की जाएगी। कृषि मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री इस दिन छह राज्यों के किसानों से बात भी करेंगे। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम से जुड़ने के लिए 2 करोड़ किसान रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं।
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