वार्ता के लिए किसानों को बेहतर प्रस्ताव का इंतजार

Last Updated 16 Dec 2020 01:41:17 AM IST

किसान संगठनों ने सरकार से कहा है कि उन्हें वार्ता के लिए पहले भेजे गए प्रस्ताव से बेहतर प्रस्ताव का इंतजार है।


वार्ता के लिए किसानों को बेहतर प्रस्ताव का इंतजार

सरकार को यह याद रखना चाहिए कि किसानों को तीनों कृषि कानून नहीं चाहिए और एमएसपी गारंटी का लिखित आश्वासन नहीं, इस पर कानून चाहिए।

किसान नेताओं ने आंदोलन को तेज करने के क्रम में 20 दिसम्बर को हर गांव में उन 20 किसानों को श्रद्धांजलि देने के लिए शहीद दिवस के कार्यक्रम रखे हैं जिनकी इस आंदोलन के दौरान मौत हुई है। उन्होंने सरकार को यह भी कहा कि वह यह गलतफहमी दूर कर ले कि किसान थककर पीछे हट जाएंगे।

किसान संगठनों की जो बैठक हुई उसमें तय हुआ कि सरकार को वार्ता के लिए अभी मना नहीं करना है पर सरकार ऐसे नहीं मानेंगी उसे आंदोलन तेज करके दिखाना होगा।

इस क्रम में किसान संगठन दिल्ली के सभी बॉर्डर पर अपना कब्जा बनाए रखना चाहते हैं। उधर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कृषि कानूनों का समर्थन करने वाले यूपी से आए भाकियू के नेताओं से मुलाकात की। तोमर ने कृषि मंत्रालय के अधिकारियों से भी इस बात पर चर्चा की कि आगे वार्ता किन विषयों पर हो सकती है।

ऑल इंडिया किसान सभा के नेता हनन मुल्ला ने आरोप लगाया कि सरकार कारपोरेट के दबाव में है। सरकार को अपना अहंकार छोड़कर लोकतांत्रिक ढंग से किसानों की मांगों पर विचार कर समाधान निकालना चाहिए।

सहारा न्यूज ब्यूरो/अजय तिवारी
नई दिल्ली


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