NCERT का कैलेंडर : अर्थपूर्ण शिक्षा में मिलेगी मदद

Last Updated 16 Sep 2020 01:23:20 AM IST

कोरोना संकट के कारण घरों में ऑनलाइन शिक्षा हासिल कर रहे बच्चों व उनके अभिभावकों का मार्गदर्शन करने के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ.रमेश पोखरियाल निशंक ने मंगलवार को कक्षा एक से कक्षा 12 तक की कक्षाओं के लिए 8 सप्ताह का एक वैकल्पिक शैक्षणिक कैलेंडर जारी किया।


NCERT का कैलेंडर : अर्थपूर्ण शिक्षा में मिलेगी मदद

इस दौरान निशंक ने कहा कि यह कैलेंडर छात्रों की आवश्यकताओं की पूर्ति करेगा तथा अध्यापकों व अभिभावकों की भी सहायता करेगा।
केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से आनलाइन शिक्षा हासिल कर रहे बच्चों की सुविधा के लिए 4 हफ्तों और अगले 8 हफ्तों के लिए प्राथमिक तथा माध्यमिक कक्षाओं के लिए वैकल्पिक शैक्षणिक कैलेंडर (एएसी) पहले ही जारी किया जा चुका है। अब अभिभावकों और शिक्षकों की मदद से अर्थ पूर्ण शैक्षिक गतिविधियों में सम्मिलित करने के उद्देश्य से एनसीईआरटी ने केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मार्गदशर्न में पहली कक्षा से बारहवीं कक्षा तक के छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों के लिए वैकल्पिक शैक्षणिक कैलेंडर बनाया है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखिरयाल निशंक ने वर्चुअल माध्यम से माध्यमिक स्तर के लिए अगले 8 हफ्तों के इस वैकल्पिक शैक्षणिक कैलेंडर को जारी किया।
पोखिरयाल ने इस अवसर पर  कहा कि यह वैकल्पिक कैलेंडर शिक्षकों को विभिन्न तकनीकियों और सोशल मीडिया मंचों के इस्तेमाल के लिए दिशा-निर्देश उपलब्ध कराएगा। इसका उद्देश्य शिक्षण कार्य को रोचक, उल्लास पूर्ण बनाना है, जिसका उपयोग छात्र, अभिभावक और शिक्षक घरों पर शिक्षण कार्य में कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि हालांकि घर पर शिक्षण कार्य में मोबाइल फोन, रेडियो, टेलीविजन, एसएमएस और विभिन्न सोशल मीडिया मंचों का इस्तेमाल विभिन्न स्तरों पर किया जा रहा है लेकिन बहुत लोगों के पास संभवत: मोबाइल फोन में इंटरनेट की सुविधा न हो या व्हाट्सएप, फेसबुक, ट्विटर, गूगल इत्यादि सोशल मीडिया मंचों का इस्तेमाल करने में हम असमर्थ हों, ऐसे में यह कैलेंडर शिक्षकों का मार्गदशर्न करेगा कि वे कैसे एसएमएस या फोन कॉल के जरिए छात्रों और अभिभावकों की मदद कर सकते हैं। इस कैलेंडर के क्रियान्वयन के लिए अभिभावकों से अपेक्षा है कि प्रारंभिक शिक्षा के स्तर वाले छात्रों की मदद करें।
पोखिरयाल ने कहा कि यह कैलेंडर दिव्यांग जनों (विशिष्ट आवश्यकता वाले बच्चों) समेत सभी की जरूरतें पूरी करेगा। इसमें ऑडियो बुक, रेडियो कार्यक्रम, वीडियो कार्यक्रम भी उपलब्ध होंगे। इस कैलेंडर में प्रत्येक सप्ताह के लिए रोचक और प्रतिस्पर्धी गतिविधियों को भी शामिल किया गया है जो पाठ्य पुस्तकों से लिए गए पाठ्यक्रम पर आधारित हैं। इसका मुख्य उद्देश्य सीखने की क्षमता को बढ़ाना है।
इसमें कलात्मक शिक्षा, शारीरिक अभ्यास, योग, वोकेशनल कौशल इत्यादि प्रायोगिक शिक्षण गतिविधियों को भी शामिल किया गया है। इस कैलेंडर में कक्षा वार और विषय वार गतिविधियों को सारणीबद्ध किया गया है। इस कैलेंडर में हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू और संस्कृत-4 भाषाओं से जुड़ी गतिविधियों को भी शामिल किया गया है। इसके माध्यम से छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों में तनाव या अवसाद को कम करने की रणनीतियों को भी शामिल किया गया है। इस कैलेंडर में सरकार के पोर्टल दीक्षा, एनआरओईआर तथा ई-पाठशाला पर मौजूद पाठ्यक्रम का अध्याय वार लिंक उपलब्ध कराया गया है।

सहारा न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली


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