नहीं रहे महामंडलेश्वर स्वामी मार्तंडपुरी
पत्रकार से संन्यासी बने महामंडलेश्वर स्वामी मार्तंडपुरी का निधन हो गया है। संन्यासी बनने से पूर्व वह माधवकांत मिश्र के नाम से जाने जाते थे। कोरोना संक्रमण की चपेट में आने के बाद शनिवार की रात उन्होंने अंतिम सांस ली।
महामंडलेश्वर स्वामी मार्तंडपुरी (file photo) |
रविवार को उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। उनके निधन से पत्रकारिता के साथ आध्यात्मिक जगत में भी शोक छा गया। भारतीय जनसंचार संस्थान, नई दिल्ली के हिंदी पत्रकारिता के पूर्व निदेशक डा. रामजीलाल जांगिड ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए इसे पत्रकारिता जगत के लिए अपूरणीय क्षति बताया।
उन्होंने अपनी पढ़ाई और पत्रकारिता पेशे दोनों की शुरुआत प्रयागराज से की थी। वह राष्ट्रीय सहारा, कुबेर टाइम्स, वि मानव, पाटलीपुत्र टाइम्स में संपादक व संपादकीय सलाहकार जैसे वरिष्ठ और महत्वपूर्ण पदों रहे। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत प्रयागराज से निकलने वाले हिंदी दैनिक भारत से की थी। बाद में उन्होंने कात्यायनी टीवी, दिशा, सनातन, आस्था, प्रयाग चैनलों में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। देश में धार्मिंक चैनलों की शुरु आत का श्रेय भी उन्हीं को जाता है।
10 जुलाई 1947 को जन्मे स्वामी मार्तंडपुरी 2013 में प्रयागराज महाकुंभ में सांसारिक मोह माया छोड़कर पत्रकार से संन्यासी बन गए। 66 वर्ष की उम्र में उन्होंने पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े में संन्यास ग्रहण कर लिया था। दीक्षा देने के बाद उनके गुरु स्वामी विदेवानंद महाराज ने उन्हें मार्तंडपुरी नाम दिया था। मार्तंडपुरी गत सात आगस्त को कलाविद् डॉ अभिनव गुप्त के शांति हवन में शामिल होने प्रयागराज आए थे। अभिनव उनके साले थे। उल्लेखनीय है कि पढ़ाई के दौरान ही साहित्यकार जगदीश गुप्त की पुत्री से उन्होंने प्रेम विवाह किया था।
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