कोरोना से मौत के लिए मुआवजा नीति की मांग वाली याचिका खारिज

Last Updated 24 Aug 2020 08:26:58 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कोरोनावायरस संक्रमण के कारण जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों को समान मुआवजा देने के लिए राष्ट्रीय नीति तैयार करने के अनुरोध संबंधी याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया।


सुप्रीम कोर्ट

न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि प्रत्येक राज्य की वित्तीय स्थिति के अनुसार इस तरह के मुआवजे के लिए अलग नीति है।

याचिकाकर्ता हासिक थाइकांडी का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील दीपक प्रकाश ने दलील दी कि फ्रंटलाइन कोरोना योद्धाओं जैसे डॉक्टरों, नर्सों और पैरामेडिकल स्टाफ आदि के लिए मुआवजा आवश्यक है।

उन्होंने कहा कि वायरस के कारण भारत में हजारों लोगों की मौत हो गई है और आरोप है कि पीड़ितों के परिजनों को समान मुआवजा नहीं मिल रहा है।

उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने कोरोनावायरस से लड़ने वाले फ्रंटलाइन कर्मचारियों को एक करोड़ रुपये दिए, जबकि अन्य ने केवल एक लाख रुपये की पेशकश की।

याचिकाकर्ता ने बताया कि देश की अधिकांश आबादी आर्थिक रूप से कमजोर श्रेणी में आती है, जिसमें पूरा परिवार केवल कमाने वाले सदस्य पर निर्भर है।

याचिकाकर्ता ने निवेदन करते हुए कहा कि दुनिया की स्थिति एक आपात स्थिति के समान है, ऐसे में उन परिवारों को राहत उपायों और वित्तीय सहायता के तौर पर पूर्व अनुदान मुआवजा प्रदान करना अनिवार्य है, जिन्होंने कोविड-19 के कारण अपने प्रियजनों को खो दिया है।

पीठ ने याचिका सुनने के लिए इच्छुक नहीं होने की बात कहते हुए इसे खारिज कर दिया।

आईएएनएस
नई दिल्ली


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment