भारत-चीन तनाव: CDS बिपिन रावत बोले- वार्ता विफल हुई तो सैन्य विकल्प तैयार
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने सोमवार को कहा कि अगर सीमा मुद्दे पर चीन के साथ कूटनीतिक बातचीत विफल हो जाती है, तो हमारे पास सैन्य विकल्प तैयार हैं।
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत (file photo) |
उन्होंने कहा, "चीन द्वारा किए गए उल्लंघनों से निपटने के लिए हमारे सैन्य विकल्प तैयार हैं। लेकिन इन विकल्पों पर तब विचार किया जाएगा जब कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर वार्ता विफल हो जाएगी।"
हालांकि, उन्होंने यह बताने से इनकार कर दिया कि भारत कौनसे सैन्य विकल्पों पर विचार कर सकता है।
बता दें कि चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की टुकड़ियां वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास कई विवादित बिंदुओं पर बैठी हुई हैं। उन्होंने जुलाई के मध्य से ही वहां से हटने से मना कर दिया है और निर्माण कार्य शुरू कर दिया है।
इन नए हालात और चीन के साथ सीमा की स्थिति पर चर्चा करने के लिए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और अन्य शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक की।
भारत और चीन के बीच वार्ता को लेकर गतिरोध बना हुआ है। वहीं सीमा को सुदृढ़ करने के लिए भारत को तीन और संरचनाओं के पास जाना होगा।
इसके अलावा सिंह ने पूर्वी लद्दाख में एलएसी की मौजूदा स्थिति पर डोभाल, रावत और तीन सेवा प्रमुखों के साथ समीक्षा बैठक भी की थी। एलएसी में चीनी सैनिक अभी भी डेरा डाले हुए हैं।
एक सूत्र ने बताया, "यह बैठक साउथ ब्लॉक में लगभग डेढ़ घंटे चली।"
वहीं चीन ने पैंगोंग त्सो के उत्तर और देपसांग में अपनी वर्तमान सैन्य स्थिति से पीछे हटने से इनकार कर दिया है। इसके अलावा, चीन ने नई दिल्ली और काठमांडू के बीच तनावपूर्ण संबंधों के लिए ट्रिगर बने लिपुलेख में भी अपनी सेना की तैनाती बढ़ा दी है। लिपुलेख भारत, नेपाल और चीन के बीच एक जंक्शन है जो कालापानी घाटी में स्थित है।
चीन द्वारा विभिन्न स्थानों पर एलएसी की यथास्थिति को बदलने पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई है।
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