विदेशी नागरिकों को ‘बलि का बकरा’ बनाया गया
Last Updated 23 Aug 2020 02:59:55 AM IST
बम्बई उच्च न्यायालय की औरंगाबाद पीठ ने कहा है कि इस साल मार्च में दिल्ली में तबलीगी जमात के एक कार्यक्रम में भाग लेने वाले विदेशी नागरिकों को ‘बलि का बकरा’ बनाया गया और उनपर आरोप लगाया गया कि देश में कोविड-19 को फैलाने के लिए वे जिम्मेदार थे।
बम्बई उच्च न्यायालय |
यह टिप्पणी करते हुए न्यायमूर्ति टीवी नलावडे और न्यायमूर्ति एमजी सेवलिकर की खंडपीठ ने 29 विदेशियों के खिलाफ दायर प्राथमिकियों को खारिज कर दिया।
पीठ ने रेखांकित किया कि महाराष्ट्र पुलिस ने मामले में यंत्रवत ढंग से काम किया है, जबकि राज्य सरकार ने ‘राजनीतिक बाध्यता’ के तहत काम किया है।
राष्ट्रीय राजधानी में स्थित निजामुद्दीन में तबलीगी जमात के एक कार्यक्रम में पर्यटन वीजा शर्तों का कथित तौर पर उल्लंघन करने के सिलसिले में 29 विदेशी नागरिकों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।
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