प्रियंका गांधी ने कहा- अयोध्या में राम मंदिर भूमि पूजन समारोह देगा एकता का संदेश, जय सियाराम
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भगवान राम के चरित्र को भारतीय संस्कृति, दर्शन, सभ्यता का प्रतीक और भारतीय भूभाग में मानवता को जोड़ने का सूत्र बताते हुए कहा है कि अयोध्या में रामलला के मंदिर का भूमि पूजन समारोह राष्ट्रीय एकता बंधुत्व और सांस्कृतिक समागम का कार्यक्रम साबित होगा।
![]() कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (फाइल फोटो) |
वाड्रा ने मंगलवार को यहां जारी बयान में कामना करते हुए कहा “सरलता, साहस, संयम, त्याग, वचनबद्धता, दीनबंधु राम नाम का सार है। राम सब में हैं, राम सबके साथ हैं। भगवान राम और माता सीता के संदेश और उनकी कृपा के साथ रामलला के मंदिर के भूमिपूजन का कार्यक्रम राष्ट्रीय एकता, बंधुत्व तथा सांस्कृतिक समागम का अवसर बने। जय सियाराम।”
सरलता, साहस, संयम, त्याग, वचनवद्धता, दीनबंधु राम नाम का सार है। राम सबमें हैं, राम सबके साथ हैं।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) August 4, 2020
भगवान राम और माता सीता के संदेश और उनकी कृपा के साथ रामलला के मंदिर के भूमिपूजन का कार्यक्रम राष्ट्रीय एकता, बंधुत्व और सांस्कृतिक समागम का अवसर बने।
मेरा वक्तव्य pic.twitter.com/ZDT1U6gBnb
उन्होंने भगवान राम के चरित्र को एकता का सूत्र बताया और कहा कि दुनिया और भारतीय उपमहाद्वीप की संस्कृति में रामायण की गहरी और अमिट छाप है। भगवान राम, माता सीता और रामायण की गाथा हजारों वर्षों से भारतीय सांस्कृतिक और धार्मिक स्मृतियों में प्रकाशपुंज की तरह आलोकित है।
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि भारतीय मनीषा रामायण के प्रसंगों से धर्म, नीति, कर्तव्यपरायणता, त्याग, उदात्तता, प्रेम, पराक्रम और सेवा की प्रेरणा पाती रही है। उत्तर से दक्षिण, पूरब से पश्चिम तक रामकथा अनेक रूपों में स्वयं को अभिव्यक्त करती चली आ रही है। श्रीहरि के अनगिनत रूपों की तरह ही रामकथा हरिकथा अनंता है।
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