राफेल को लेकर दिग्विजय का पीएम मोदी पर हमला, कहा- 'चौकीदार' जी अब तो उसकी कीमत बता दें
फ्रांस से पांच राफेल विमानों की पहली खेप देश में पहुंचने के बीच कांग्रेस ने एक बार फिर इसकी कीमत को सार्वजनिक करने की मांग की है।
कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह (फाइल फोटो) |
कांग्रेस महासचिव और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने बुधवार को ट्वीट कर कहा, “एक राफेल की कीमत कांग्रेस सरकार ने 746 करोड़ रुपये तय की थी लेकिन 'चौकीदार' महोदय कई बार संसद में और संसद के बाहर भी मांग करने के बावजूद आज तक एक राफेल कितने में खरीदा है, बताने से बच रहे हैं। क्यों? क्योंकि चौकीदार जी की चोरी उजागर हो जायेगी!! 'चौकीदार' जी अब तो उसकी कीमत बता दें।”
एक राफ़ेल की क़ीमत कॉंग्रेस सरकार ने ₹७४६ तय की थी लेकिन “चौकीदार” महोदय कई बार संसद में और संसद के बाहर भी मॉंग करने के बावजूद आज तक एक राफ़ेल कितने में ख़रीदा है, बताने से बच रहे हैं। क्यों? क्योंकि चौकीदार जी की चोरी उजागर हो जायेगी!! “चौकीदार” जी अब तो उसकी क़ीमत बता दें!!
— digvijaya singh (@digvijaya_28) July 29, 2020
साल 2019 के आम चुनाव में राफेल की कीमत का मुद्दा कांग्रेस ने जोरशोर से उठाया था। यहां तक कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंचा था।
कांग्रेस सांसद ने कहा, “आखिर राफेल फाइटर प्लेन आ गया। 126 राफेल खरीदने के लिए कांग्रेस के नेतृत्व में संप्रग ने 2012 में फैसला लिया था और 18 राफेल को छोड़कर बाकी भारत सरकार की हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड में निर्माण का प्रावधान था। यह भारत के आत्मनिर्भर होने का प्रमाण था। एक राफेल की कीमत 746 करोड़ तय की गई थी।”
आख़िर राफ़ेल fighter plane आ गया। १२६ राफ़ेल ख़रीदने के लिए कोंग्रेस के नेतृत्व में UPA ने २०१२ में फैंसला लिया था और १८ राफ़ेल को छोड़कर कर बाकि भारत सरकार की HAL में निर्माण का प्रावधान था। यह भारत में आत्मनिर्भर होने का प्रमाण था। एक राफ़ेल की क़ीमत ₹७४६ करोड़ तय की गई थी
— digvijaya singh (@digvijaya_28) July 29, 2020
सिंह ने आगे लिखा, “मोदी सरकार आने के बाद फ्रांस के साथ मोदी जी ने बिना रक्षा और वित्त मंत्रालय व कैबिनेट कमेटी की मंजूरी के नया समझौता कर लिया और हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड का हक मारकर निजी कम्पनी को देने का समझौता कर लिया। राष्ट्रीय सुरक्षा की अनदेखी कर 126 राफेल खरीदने के बजाय केवल 36 खरीदने का निर्णय ले लिया।”
मोदी सरकार आने के बाद फ़्रांस के साथ मोदी जी ने बिना रक्षा व वित्त मंत्रालय व केबिनेट कमेटी की मंज़ूरी के नया समझौता कर लिया और HAL का हक़ मार कर निजी कम्पनी को देने का समझौता कर लिया। राष्ट्रीय सुरक्षा को अनदेखी कर १२६ राफ़ेल ख़रीदने के बजाय केवल ३६ ख़रीदने का निर्णय ले लिया।
— digvijaya singh (@digvijaya_28) July 29, 2020
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