मन की बात: पीएम मोदी बोले- कारगिल युद्ध जिन परिस्थितियों मे हुआ, वो कभी भुलाया नहीं जा सकता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम से जनता को संबोधित किया। कार्यक्रम में पीएम मोदी ने करगिल दिवस का जिक्र कर जवानों को याद किया और पाकिस्तान पर सबसे पहले निशाना साधा।
मन की बात: पाकिस्तान ने कारगिल में धोखा दिया |
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मासिक रेडियो कार्यक्रम -मन की बात- के दौरान कारगिल विजय दिवस पर चर्चा करते हुए कहा कि कारगिल का युद्ध जिन परिस्थितियों में हुआ था, वो भारत कभी नहीं भूल सकता। प्रधानमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान ने बड़े-बड़े मंसूबे पालकर भारत की भूमि हथियाने और अपने यहां चल रहे आंतरिक कलह से ध्यान भटकाने को लेकर दुस्साहस किया था। भारत तब पाकिस्तान से अच्छे संबंधों के लिए प्रयासरत था लेकिन, कहा जाता है न दुष्ट का स्वभाव ही होता है, हर किसी से बिना वजह दुश्मनी करना।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ऐसे स्वभाव के लोग, जो हित करता है, उसका भी नुकसान ही सोचते हैं, इसीलिए भारत की मित्रता के जवाब में पाकिस्तान द्वारा पीठ में छुरा घोंपने की कोशिश हुई थी,लेकिन, उसके बावजूद भारत की वीर सेना ने जो पराक्रम दिखाया, भारत ने अपनी जो ताकत दिखाई, उसे पूरी दुनिया ने देखा।
उन्होंने कहा कि आज 26 जुलाई है। आज का दिन बहुत खास है। आज कारगिल विजय दिवस है। 21 साल पहले आज के ही दिन कारगिल के युद्ध में हमारी सेना ने भारत की जीत का झंडा फहराया था।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, आप कल्पना कर सकते हैं। आप कल्पना कर सकते हैं कि ऊचें पहाडों पर बैठा हुआ दुश्मन और नीचे से लड़ रही हमारी सेना, हमारे वीर जवान लेकिन जीत पहाड़ की ऊंचाई की नहीं,भारत की सेनाओं के ऊंचे हौंसले और सच्ची वीरता की हुई। उस समय, मुझे भी कारगिल जाने और हमारे जवानों की वीरता के दर्शन का सौभाग्य मिला, वो दिन, मेरे जीवन के सबसे अनमोल क्षणों में से एक है।
प्रधानमंत्री मोदी ने देश के नौजवानों से आग्रह करते हुए कहा कि आज दिन-भर कारगिल विजय से जुड़े हमारे जाबाजों की कहानियां, वीर-माताओं के त्याग के बारे में, एक-दूसरे को बताएं और साझा करें। गैलेंट्री अवार्ड वेबसाइट पर विजिट करें, जहां वीर पराक्रमी योद्धाओं और उनके पराक्रम के बारे में बहुत सारी जानकारियां प्राप्त होंगीं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कारगिल युद्ध के समय अटल जी ने लालकिले से जो कहा था, वो, आज भी हम सभी के लिए बहुत प्रासंगिक है। अटल जी ने, तब, देश को, गांधी जी के एक मंत्र की याद दिलाई थी। महात्मा गांधी का मंत्र था, कि, यद किसी को कभी कोई दुविधा हो, कि, उसे क्या करना, क्या न करना, तो, उसे भारत के सबसे गरीब और असहाय व्यक्ति के बारे में सोचना चाहिए। उसे ये सोचना चाहिए कि जो वो करे जा रहा है, उससे, उस व्यक्ति की भलाई होगी या नहीं होगी।
गांधी जी के इस विचार से आगे बढ़कर अटल जी ने कहा था, कि, कारगिल युद्ध ने, हमें एक दूसरा मंत्र दिया है-ये मंत्र था, कि, कोई महत्वपूर्ण निर्णय लेने से पहले, हम ये सोचें, कि, क्या हमारा ये कदम, उस सैनिक के सम्मान के अनुरूप है जिसने उन दुर्गम पहाड़ियों में अपने प्राणों की आहुति दी थी।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, युद्ध की परिस्थिति में, हम जो बात कहते हैं, करते हैं, उसका सीमा पर डटे सैनिक के मनोबल पर उसके परिवार के मनोबल पर बहुत गहरा असर पड़ता है। इसलिए हमारा आचार, व्यवहार, वाणी, बयान, हमारे लक्ष्य, सभी, कसौटी में ये जरूर रहना चाहिए कि हम जो कर रहे हैं, कह रहे हैं, उससे सैनिकों का मनोबल बढ़े, उनका सम्मान बढ़े। राष्ट्र सर्वोपरि का मंत्र लिए, एकता के सूत्र में बंधे देशवासी, हमारे सैनिकों की ताकत को कई हजार गुणा बढ़ा देते हैं। हमारे यहां तो कहा गया है न संघे शक्ति कलयुगे।
स्वतंत्रता दिवस पर महामारी से आजादी का संकल्प ले देश : प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से आगामी 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर महामारी से आजादी का संकल्प लेने की अपील की है। प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को मन की बात करते हुए कहा कि कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है। हमें बहुत ही ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। चेहरे पर मास्क लगाना या गमछे का उपयोग करना, दो गज की दूरी, लगातार हाथ धोना, कहीं पर भी थूकना नहीं, साफ सफाई का पूरा ध्यान रखना, यही हमारे हथियार हैं जो हमें कोरोना से बचा सकते हैं।
मोदी ने कहा, मेरा, अपने युवाओं से, सभी देशवासियों से अनुरोध है कि हम स्वतंत्रता दिवस पर महामारी से आजादी का संकल्प लें। आत्मनिर्भर भारत का संकल्प लें। कुछ नया सीखने और सिखाने का संकल्प लें।अपने कर्तव्यों के पालन का संकल्प लें।
उन्होंने अपील करते कहा कि इम्युनिटी बढ़ाने वाली चीजें, आयुर्वेदिक काढ़ा वगैरह लेते रहें कोरोना संक्रमण के समय में हम अन्य बीमारियों से दूर रहें। हमें अस्पताल के चक्कर न लगाने पड़ें, इसका पूरा ख्याल रखना होगा।
उन्होंने कहा, इस समय बारिश का मौसम भी है। पिछली बार भी मैंने आप से कहा था कि बरसात में गन्दगी और उनसे होने वाली बीमारी का खतरा बढ़ जाता है, अस्पतालों में भीड़ भी बढ़ जाती है, इसलिए आप साफ-सफाई पर बहुत ज्यादा ध्यान दें।
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ महीनों से पूरे देश ने एकजुट होकर जिस तरह कोरोना से मुकाबला किया है, उसने, अनेक आशंकाओं को गलत साबित कर दिया है। आज, हमारे देश में रिकवरी रेट अन्य देशों के मुकाबले बेहतर है। साथ ही हमारे देश में कोरोना से मृत्यु-दर भी दुनिया के ज्यादातर देशों से काफी कम है ।
सकारात्मक अप्रोच से हमेशा आपदा को अवसर में, विपत्ति को विकास में बदलने में मदद मिलती है। हम कोरोना के समय भी देख रहे हैं, कि कैसे देश के युवाओं-महिलाओं ने टैलेंट और स्किल के दम पर कुछ नये प्रयोग शुरू किये हैं।
बिहार में महिलाओं के कई स्वयं सहायता समूहों ने मधुबनी पेंटिंग वाले मास्क बनाना शुरू किया है, और देखते-ही-देखते, ये खूब पॉपुलर हो गये हैं। ये मधुबनी मास्क एक तरह से अपनी परम्परा का प्रचार तो करते ही हैं, लोगों को स्वास्थ्य के साथ रोजगारी भी दे रहे हैं।
इसी तरह पूर्वोत्तर में बंबू यानी, बांस, कितनी बड़ी मात्रा में होता है, अब, इसी बांस से त्रिपुरा, मणिपुर, असम के कारीगरों ने उच्च गुणवत्ता की पानी की बोतल और टिफिन बॉक्स बनाना शुरू किया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने रक्षा बंधन के पर्व पर भी बात की। उन्होंने कहा, साथियों, अभी कुछ दिन बाद रक्षाबंधन का पावन पर्व आ रहा है। मैं, इन दिनों देख रहा हूं कि कई लोग और संस्थायें इस बार रक्षाबंधन को अलग तरीके से मनाने का अभियान चला रहें हैं। कई लोग इसे वोकल फार लोकल से भी जोड़ रहे हैं, और, बात भी सही है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सात अगस्त को नेशनल हैंडलूम डे है। भारत का हैंडलूम, हमारा हैंडीक्राफ्ट, अपने आप में सैकड़ो वर्षों का गौरवमयी इतिहास समेटे हुए है।
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