नेपाल सीमा पर फिर विवाद, नो मैंस लैंड पर अतिक्रमण
नेपाल से सटी ब्रह्मदेव स्थित विवादित भूमि पर कब्जा करने के बाद अब धीरे-धीरे नेपाल के नागरिक भारतीय सीमा की ओर बढ़ रहे हैं।
नेपाल सीमा पर फिर विवाद, नो मैंस लैंड पर अतिक्रमण |
लोगों का कहना है कि यदि सुरक्षा एजेंसियों ने सीमा पर सुरक्षा नहीं बढ़ाई तो नो मैंस लैंड की तरह ही नेपाल भारतीय भूमि पर भी कब्जे की कोशिश कर सकता है। हालात ये है कि तीन दिन के भीतर वनीकरण के नाम पर नेपाली नागरिक नो मैंस लैंड के करीब साढ़े तीन हेक्टेयर भू भाग में घेराबंदी कर चुके हैं। वहां अब तक सीमेंट से करीब दो सौ मीटर पिलर भी बनाए जा चुके हैं।
कुछ वर्ष पूर्व भारत-नेपाल सीमा स्थित ब्रह्मदेव की ओर भारत ने सड़क का निर्माण शुरू किया था, जो कि भारत का हिस्सा है लेकिन सड़क निर्माण कार्य ब्रह्मदेव से 50 मीटर पहले ही नेपाली नागरिकों ने विरोध पर रोक दिया था। तब माओवादियों ने ग्रामीणों के साथ मिलकर भारतीयों पर पत्थरबाजी भी की थी। जिस कारण ब्रह्मदेव से करीब 50 मीटर पहले ही सड़क निर्माण कार्य को रोक दिया गया था। वहीं, ब्रह्मदेव की जिन बस्तियों में नेपाली नागरिक आज दिन काट रहे हैं, वह भी नो मैंस लैंड में आता है।
कई बार सव्रे के आधार पर नागरिकों को नो मैंस लैंड बताये जाने पर वह लोग आग बबूला हो जाते हैं। इस कारण हर साल सीमा पर भारतीय जवानों और नेपाली नागरिकों के बीच तनातनी रहती है। अब स्थिति यह है कि क्या भारत सीमा पर सुरक्षा बढ़ाएगा या फिर मामले को यथास्थिति बनाए रखेगा, लेकिन नेपाली नागरिक कब्जा हटाने को कतई राजी नहीं हैं। एसएसबी के असिस्टेंट कमांडेंट आर.के. त्रिपाठी ने कहा सीमाओं पर नेपाल की ओर से जो पिलर बनाये गए हैं, उन्हें हटाने के लिए कह दिया गया है।
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