परमाणु प्रसार गतिविधियों में शामिल न हों चीनी कंपनियां
भारत ने कांडला बंदरगाह पर हिरासत में लिए गए एक चीनी जलपोत में अवैध मिसाइल उपकरणों के बारे में चीन सरकार को आगाह किया है कि दोहरे इस्तेमाल और परमाणु प्रसार के अंतर्गत आने वाले इन उपकरणों के कारण उसकी अप्रसार संबंधी प्रतिबद्धता पर असर पड़ेगा।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार (file photo) |
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने यहां नियमित ब्रीफिंग में कहा कि भारतीय समुद्री सुरक्षा बलों ने कांडला बंदरगाह पर एक चीनी जलपोत ‘दा कुई यान’ को फरवरी के पूर्वार्ध में हिरासत में लिया है क्योंकि उस पर एक सामग्री के बारे में गलत सूचना दी गई थी।
हमारी जांच में पता चला कि यह उपकरण एक ऑटोक्लेव है जो दोहरे इस्तेमाल की वस्तुओं के निर्यात नियंत्रण प्रणाली के अंतर्गत सूचीबद्ध है।
कुमार ने कहा कि इसलिए हमारे अधिकारियों ने इस उपकरण को भारतीय विधिक प्रक्रिया के तहत जब्त कर लिया है। हमारी जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि यह उपकरण सैन्य उद्देश्य के लिए भी प्रयोग में लाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हमने अपनी चिंता से चीनी पक्ष को भी अवगत करा दिया है।
चीन की सरकार को बताया गया है कि वह यह समुचित कदम उठा कर सुनिश्चित करे कि चीनी कंपनियां ऐसी गतिविधियों में लिप्त नहीं हों जो परमाणु प्रसार में योगदान देतीं हों।
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