मुकदमे से पहले अनिवार्य हो मध्यस्थता : सीजेआई

Last Updated 09 Feb 2020 06:07:11 AM IST

प्रधान न्यायाधीश एसए बोबड़े ने शनिवार को कहा कि एक ऐसा व्यापक कानून बनाने के लिए यह उपयुक्त समय है जिसमें ‘मुकदमे से पहले अनिवार्य मध्यस्थता’ शामिल हो।


प्रधान न्यायाधीश एसए बोबड़े (file photo)

उन्होंने कहा कि इस कानून से कार्यक्षमता सुनिश्चित होगी और पक्षकारों एवं अदालतों के लिए मामलों के लंबित होने का समय घटेगा।

न्यायमूर्ति बोबड़े ने ‘वैीकरण के युग में मध्यस्थता’ विषय पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में कहा कि भारत में संस्थागत मध्यस्थता के विकास के लिए एक मजबूत ‘आरबिट्रेशन (मध्यस्थता) बार’ जरूरी है क्योंकि यह ज्ञान और अनुभव वाले पेशेवरों की उपलब्धता और पहुंच सुनिश्चित करेगा।

उन्होंने कहा कि आज अंतरराष्ट्रीय व्यापार, वाणिज्य और निवेश वाले वैश्विक आधारभूत ढांचे में मध्यस्थता एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

वैश्विक समुदाय के एक अभिन्न सदस्य तथा व्यापार और निवेश के लिहाज से महत्वपूर्ण होने के नाते भारत अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता में किस तरह से शामिल होता है इसका सीमापार अंतरराष्ट्रीय व्यापार, वाणिज्य और निवेश के प्रवाह पर महत्वपूर्ण प्रभाव होता है।

सहारा न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment